Edited By Priyanka rana,Updated: 25 Jul, 2019 10:07 AM
पी.यू. में पुलिस पर पथराव और मारपीट करने के मामले में अदालत ने पी.यू. के 9 छात्रों को बरी कर दिया।
चंडीगढ़(संदीप) : पी.यू. में पुलिस पर पथराव और मारपीट करने के मामले में अदालत ने पी.यू. के 9 छात्रों को बरी कर दिया। अदालत में पुलिस छात्रों पर आरोप साबित करने में नाकाम रही, जिसके चलते ही साक्ष्यों के अभाव में छात्रों को बरी किया है।
छात्रों की तरफ से पेश हुए वकील तरमिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने छात्रों पर झूठा केस बनाया था। वे तो केवल फीस बढ़ाए जाने के फैसले के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने ही उनके साथ मारपीट की और केस दर्ज कर लिया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने छात्रों को बरी कर दिया। अदालत ने केस में दमनप्रीत सिंह, सुचिंदर पाल सिंह, गुरप्रीत सिंह, रविंदर सिंह, आरिशदीप सिंह, साहिल बठला, रमनप्रीत सिंह, धर्मेंद्र सिंह और गुरप्रीत को बरी किया है। सैक्टर-11 थाना पुलिस ने सभी के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 323, 147, 149,332, 353 और 354 के तहत केस दर्ज किया था।
साल 2014 में दर्ज हुआ था केस :
केस के अनुसार 18 मार्च, 2014 को पी.यू. में फीस बढ़ाने जाने का विरोध करते हुए छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे। इन छात्रों को उठाने के लिए पुलिस टीम यहां पहुंची थी। जैसे ही पुलिस छात्रों को भूख हड़ताल से उठाने लगी तो उसी समय पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस ने महिला कांस्टेबल के बयानों पर छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया था।