Edited By pooja verma,Updated: 24 Sep, 2019 10:34 AM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में फूल सिंह की याचिका पर चल रहे मामले में सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने एफिडैविट दाखिल कर कोर्ट को बताया कि पंजाब और हरियाणा का चंडीगढ़ पर कोई हक नहीं है।
चंडीगढ़ (रमेश): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में फूल सिंह की याचिका पर चल रहे मामले में सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने एफिडैविट दाखिल कर कोर्ट को बताया कि पंजाब और हरियाणा का चंडीगढ़ पर कोई हक नहीं है। वर्ष 1952 तक चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा था, लेकिन 1966 में श्याम कृष्ण कमीशन की सिफारिशों के बाद मनीमाजरा व चंडीगढ़ को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था। नए एक्ट की अधिसूचना में स्पष्ट है कि चंडीगढ़ सिर्फ पंजाब व हरियाणा की राजधानी रहेगा, लेकिन दोनों में से किसी का चंडीगढ़ पर अधिकार नहीं रहेगा।
हरियाणा पहले ही कह चुका चंडीगढ़ पर नहीं उसका हक
हरियाणा की ओर से एडवोकेट जनरल पिछली तारीख पर कोर्ट में हाजिर हुए थे और सरकार की ओर से एफिडैविट दाखिल कर चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार से इंकार कर दिया था जबकि पंजाब ने अभी इस संबंध में जवाब दाखिल नहीं किया है।
पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कोर्ट को बताया था कि चंडीगढ़ या किसी अन्य राज्य से संबंधित व्यक्ति को पंजाब में आरक्षण है, यह स्टेट का मैटर है लेकिन चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार है या नहीं, इस पर पंजाब ने आज जवाब दाखिल नहीं किया। पंजाब की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एडवोकेट जनरल शहर से बाहर हैं, इसलिए उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए।
चंडीगढ़ का नहीं ज्यूडिशियरी काडर
चंडीगढ़ प्रशासन ने भी एफिडैविट दाखिल कर पक्ष रखा। कोर्ट को बताया गया कि चंडीगढ़ का खुद का ज्यूडिशियरी काडर नहीं है, बल्कि पंजाब व हरियाणा काडर से काम चलाया जा रहा है। चंडीगढ़ निवासी फूल सिंह अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं, जिन्होंने डिस्ट्रिक्ट जज के लिए आवेदन किया था और वह पंजाब व हरियाणा में मैरिट में आते रहे, मगर दोनों ही राज्य कहते हैं कि वह उनके राज्य का हिस्सा नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट की जजमैंट का दिया है हवाला
याचिकाकत्र्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया है, जिसमें एम.बी.ए. के छात्र, जिसने चंडीगढ़ से 12वीं पास की थी, उसे पंजाब में योग्य नहीं माना गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है व पंजाब का हिस्सा है। इसलिए उसे पंजाब मैडीकल कालेज में एडमिशन योग्य माना जाएगा।
इसे ग्राऊंड बनाकर ही याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई करते हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा दोनों को जवाब देने को कहा था कि कोई नोटीफिकेशन या कागजात दिखाएं, जिससे ये साफ हो कि चंडीगढ़ हरियाणा या पंजाब की राजधानी बना हो।
पंजाब में नहीं मिलेगा चंडीगढ़ वालों को कोटे का लाभ
सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कई जजमैंट्स का हवाला देते हुए 9 सितम्बर को साफ कर दिया था कि जिनके पास पंजाब का डोमिसाइल है, रिजर्वेशन में सिर्फ वही नौकरी पाने का हकदार है जबकि चंडीगढ़ का अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला कोई भी व्यक्ति जनरल कैटेगरी में अप्लाई कर सकता है पर रिजर्वेशन का लाभ उसे नहीं दिया जा सकता।