राजबाला मलिक ने मेयर बनने के बाद कहा - कोई काम नहीं होगा जनता के सुझाव के बिना

Edited By Priyanka rana,Updated: 11 Jan, 2020 11:40 AM

rajbala malik mayor once again

नए साल पर चंडीगढ़ को नया मेयर मिल गया है। शुक्रवार को यहां मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के हुए चुनाव में भाजपा ने चंडीगढ़ नगर निगम के तीनों पदों पर विजय हासिल की।

चंडीगढ़(राय) : नए साल पर चंडीगढ़ को नया मेयर मिल गया है। शुक्रवार को यहां मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पदों के हुए चुनाव में भाजपा ने चंडीगढ़ नगर निगम के तीनों पदों पर विजय हासिल की। 

भाजपा पार्षद राजबाला मलिक मेयर, रविकांत शर्मा सीनियर डिप्टी मेयर और जगतार जग्गा डिप्टी मेयर के पद पर विजयी रहे। बहुमत के चलते भाजपा की जीत तय थी पर पार्टी की उपलब्धि यह रही कि उसका एक भी वोट क्रॉस नहीं हुआ। राजबाला मलिक दूसरी बार शहर की मेयर चुनी गई हैं। इससे पहले वह वर्ष 2012 में कांग्रेस की ओर से भी मेयर रह चुकी हैं। वर्ष 2014 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा था।

कांग्रेसी उम्मीदवारों को 5 वोट :
भाजपा की मेयर पद की प्रत्याशी राजबाला मलिक को कुल 27 में से 22 और उनकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की गुरबक्श रावत को 5 वोट मिले। मलिक 17 वोटों के अंतर से विजयी रही। 

सीनियर डिप्टी मेयर पद पर रविकांत शर्मा को भी पार्टी के पूरे पार्षदों (22) के वोट मिले व कांग्रेस की शीला देवी को उनकी अपनी ही पार्टी के 5 पार्षदों के मत मिले। यही स्थिति डिप्टी मेयर के पद पर रही। भाजपा के जगतार जग्गा ने कांग्रेस की रविंद्र कौर गुजराल को हराया।

कोई काम जनता के सुझाव के बिना नहीं होगा :
मेयर चुने जाने के बाद राजबाला मलिक ने भाजपा के सभी स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकत्र्ताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि मैं जिस मुकाम पर हूं, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा समेत कई लोगों का अहम योगदान है। मेयर का पद बहुत जिम्मेदारी से भरा है। 

उम्मीद है कि मेरे एक साल के कार्यकाल के दौरान सभी का सहयोग मिलता रहेगा। उन्होंने विपक्षी दल के भी सभी पार्षदों का भी आभार जताया। मलिक ने उम्मीद है जताई कि विपक्ष भी शहर के विकास में उनका सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि मेयर पद पर काम करने का मुझे एक साल का पहले अनुभव है, लेकिन यह तभी फायदेमंद हो पाएगा, जब बाकी लोगों का अनुभव भी इसमें जुड़ेगा। 

शहर के विकास के लिए मेरी कई प्राथमिकताएं हैं। मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि विकास से जुड़ा कोई भी बड़ा काम आप लोगों और शहर की जनता के सुझाव के बिना नहीं होगा। इसमें निगम के चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ-साथ मनोनीत पार्षदों के सुझाव भी शामिल होंगे। उम्मीद है कि मीडिया के साथियों का मार्गदर्शन भी मुझे मिलता रहेगा।

हर पार्षद खुद को मेयर समझे :
राजबाला मलिक ने कहा कि निगम की वर्किंग में पारदर्शिता लाने की दिशा में भी काम किया जाएगा, ताकि शहर में होने वाला हर कार्य जनता की नजर में हो। उनके दरवाजे शहर की समस्या दूर करने के लिए हमेशा खुले रहेंगे। बेशक मेयर की कुर्सी पर वह बैठी हैं, लेकिन शहर की बेहतरी के लिए आज से हर पार्षद अपने आपको मेयर समझे। नगर निगम के कमिश्नर, अधिकारीगण और कर्मचारी काफी मेहनत से काम कर रहे हैं। 

आशा है कि शहर की समस्याओं को दूर करने के लिए उन्हें भविष्य में उनका भरपूर सहयोग मिलेगा। नवनिर्वाचित मेयर ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलवाती हूं कि मेरे कार्यकाल के दौरान सदन की गरिमा को किसी भी हाल में कम नहीं होने दिया जाएगा। हर किसी को अपनी बात कहने का पर्याप्त मौका मिलेगा। प्रशासन के साथ सहयोग बनाए रखना भी मेरी प्राथमिकता है ताकि निगम को किसी प्रकार के वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।

एकतरफा जीत : 22 अंक रहा शुभ
राजबाला मलिक के पति आर.के. मलिक हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील हैंं। 2011 से राजनीति में सक्रिय हैं और 2012 में कांग्रेस से मेयर बनीं थीं। उन्होंने हिंदी से एम.ए. की है। दो पी.जी. डिप्लोमा करने के साथ ही उन्होंने एल.एल.बी. भी की है। 

मेयर चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राजबाला मलिक अपने समर्थकों और साथी पार्षदों के साथ ढोल की थाप पर खूब थिरकी, वहीं, दिलचस्प बात यह रही कि चुनाव में सत्ता पक्ष के तीनों प्रत्यक्षों के लिए 22 अंक शुभ साबित हुआ। तीनों को ही 22 मत ही पड़े। क्रॉस वोटिंग को लेकर चुनाव से एक दिन पूर्व पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में सख्त हिदायतें दी गई थी।

धमकाकर भाजपा ने जैसे वोट डलवाई वो प्रजातंत्र के खिलाफ : बबला   
कांग्रेसी पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने यहां हुए मेयर चुनाव के बाद कहा कि आज भाजपा ने जिस तरीके से अपने पार्षदों को बंधुआ बनाकर डरा धमकाकर वोट डलवाई वो वाक्य ही प्रजातंत्र के खिलाफ है। 

पार्षदों के ऊपर विश्वास न करके उनको एक गुप्त कैमरा दिया गया और कहा गया कि आपने वोट डालते वक्त अपना आई कार्ड बैलेट पेपर पर रखकर मोहर लगाते हुए फोटो लेनी है। ये बीजेपी के कई पार्षदों ने हमें बताया। कहा गया नहीं तो अगली बार टिकट नहीं मिलेगी। ये लोकतंत्र की हत्या की गई है। हम सब इसका घोर विरोध और निंदा करते हैं। 

आठ वर्षों के अंतराल के बाद दोबारा मिली मेयर की कुर्सी, पहले कांग्रेस अब भाजपा की होगी मेयर :
राजबाला मलिक को आठ वर्षों के अंतराल के बाद दोबारा मेयर पद की कुर्सी मिली है। वर्ष 2012 में कांग्रेस की सीट पर वह मेयर बनी थी। वर्ष 2014 में बीजेपी में शामिल हुई राजबाला अब सत्तापक्ष पार्टी के बैनर तले शहर के प्रथम नागारिक की कमान संभालेगी। 

पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता और वरिष्ठ पार्षद हीरा नेगी को तरजीह न देकर सत्तापक्ष ने यह संदेश भी देने की कोशिश की है जो कि उनकी विचारधारा के साथ जुड़ेगा उसके लिए मापदंड बदले भी जा सकते हैं। यह संभवत: पहला ऐसा मौका होगा जब किसी भी पार्षद को दो अलग राजनीतिक दल से मेयर बनने का मौका मिला हो। निगम में इससे पहले भी दो बार मेयर बनने का पार्षदों का मौका मिला है, लेकिन वे सभी एक दल का प्रतिनिधित्व करते आए थे।  

‘शहर की बेहतरी के लिए थोड़ा-बहुत टैक्स बुरा नहीं’ :
मेयर पद की कुर्सी संभालने के बाद राजबाला मलिक ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि शहर के विकास और बेहतरी के लिए थोड़ा-बहुत टैक्स बुरा नहीं है। हालांकि उन्होंने फिलहाल टैक्स लगाए जाने के सवाल का जवाब ना में दिया। टैक्स, वाटर टैरिफ में प्रति वर्ष 5 प्रतिशत बढ़ोत्तरी से लेकर स्टडी टूर से जुड़े हर सवाल पर उनका एक जैसा ही नजरिया और जवाब रहा। 

उन्होंने उल्टा मीडिया से सवाल कर दिया कि आप लोग शहर के नागरिक हैं, आप ही बेहतर बताएं क्या हो सकता है? उन्होंने कहा कि शहर की पानी की दरें अन्य राज्यों की तुलना में कम हैं, आप अगर पानी पीने के लिए नल भी खोलते हैं, सुविधाएं भी हासिल करते हैं तो पैसा बढ़ेगा ही। मीडिया की ओर से पानी के वाटर टैरिफ के प्रति वर्ष रिव्यू किए जाने के सुझाव पर भी सहमति जताई। वाटर टैरिफ के 5 प्रतिशत बढ़ौत्तरी के सवाल पर उनका मत था कि इससे निगम को रैवेन्यू भी बढ़ेगा।

वहीं, निगम में ट्रांसफर 13 गांव के जुड़े सवाल पर उनका कहना था कि शहर और गांव में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। सड़कों से जुड़े सवाल पर उनका कहना था कि प्रशासन के साथ एक को-आर्डीनेशन कमेटी गठित की जाएगी, ताकि सड़कें दुरुस्त रह सकें। उनकी कोशिश रहेगी कि निगम को आर्थिक तंगी के हालात का सामना न करना पड़े। स्वच्छता के सवाल पर उनका कहना था कि शहर नंबर वन बने इसमें सभी के सहयोग की जरूरत है, उनकी नजर में अब सेग्रीगेशन भी शुरू हो चुकी है।

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