Edited By pooja verma,Updated: 16 Apr, 2019 02:01 PM
इंग्लैंड में होने वाले वल्र्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने गए तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि वह वल्र्ड कप के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने किंग्स इलैवन पंजाब व राजस्थान रॉयल्स के बीच मंगलवार को होने वाले मुकाबले से पूर्व संध्या पर मीडिया से...
मोहाली (लल्लन): इंग्लैंड में होने वाले वल्र्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने गए तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि वह वल्र्ड कप के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने किंग्स इलैवन पंजाब व राजस्थान रॉयल्स के बीच मंगलवार को होने वाले मुकाबले से पूर्व संध्या पर मीडिया से कहा कि यह मेरा दूसरा वल्र्ड कप है।
जिसको लेकर मैं काफी उत्साहित हूं। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन करने बारे ही सोचता है, लेकिन उसका दिन भी बेहतर होना चाहिए। किंग्स इलैवन टीम के प्रदर्शन के पर कहा कि टीम बेहतर कर रही है और मंगलवार को होने वाले मुकाबले के लिए टीम तैयार है। शमी ने कहा कि फिटनैस को लेकर पिछले 18 माह से वह काफी मेहनत कर रहे हैं।
जिसके कारण मेरी बॉडी पहले से काफी अच्छी काम कर रही है। इसके साथ ही मेरी गेंदों में भी पहले से ज्यादा तेजी है। मेरी कोशिश है कि वल्र्ड कप में अपनी रफ्तार को कायम रखूं। उन्होंने कहा कि फिटनैस को बेहतर करने के लिए टीम स्टाफ मेरी काफी मदद करता है। उन्होंने कहा कि मैंने अपना वेट काफी कम किया तथा वनडे खेलने से काफी फायदा मिला है और मैं अपने आपको काफी फिट महसूस कर रहा हूं।
आई.पी.एल. से तकनीक पर काम करने का मिला मौका
टी-20 टूर्नामैंट के बाद सीधे वल्र्ड कप खेलने पर शमी ने कहा कि इससे मुझे काफी सुधार का मौका मिल रहा है। आई.पी.एल. में बल्लेबाज शुरू से ही अटैकिंग मूड में खेलता है, जबकि 50 ओवर के मैच में बल्लेबाज धीमी शुरूआत करता है।
लेकिन वल्र्ड कप से पहले आई.पी.एल. खेलने के लिए दिमागी रूप से मजबूत रहने तथा फिटनैस बेहतर करने के साथ नई तकनीक पर काम करने का मौका मिलेगा। इससे लिए मुझे यह टूर्नामैंट खेलने से फायदा है।
टी-20 में बल्लेबाजों के पास ज्यादा मौका
टी-20 फार्मैंट बारे शमी ने कहा कि इसमें बल्लेबाजों के पास शॉट खेलने का काफी मौका होता है। गेंदबाज को सिर्फ अपनी लाइन लैंथ पर फोकस करना चाहिए। शमी ने कहा कि इंटरनैशनल स्तर पर खेलने से ज्यादा तनाव मैच को लेकर नहीं रहता है।
अगर टी-20 मुकाबले में 1 ओवर खराब चला जाता है तो गेंदबाज पर काफी प्रैशर आ जाता है लेकिन अनुभवी गेंदबाजों पर ज्यादा फर्क नहीं होता वह दो-तीन गेंदों में कमबैक कर लेते हैं। इस फार्मैंट में युवा गेंदबाजों के लिए काफी कुछ सीखने को मिलता है।