पंजाब की तर्ज पर तैयार होगा राइट टू सर्विस एक्ट

Edited By Priyanka rana,Updated: 20 Sep, 2018 09:43 AM

right to service act

सिटीजंस को सरकारी विभागों की सभी सर्विसिज सही समय पर मिले इसके लिए जल्द ही चंडीगढ़ में राइट टू सर्विस एक्ट को लागू किया जाएगा।

चंडीगढ़(विजय) : सिटीजंस को सरकारी विभागों की सभी सर्विसिज सही समय पर मिले इसके लिए जल्द ही चंडीगढ़ में राइट टू सर्विस एक्ट को लागू किया जाएगा। चंडीगढ़ में राइट टू सर्विस एक्ट को पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर लागू किया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एम.एच.ए.) की ओर से जो राइट टू सर्विस एक्ट की नोटिफिकेशन तैयार की गई है, उसमें थोड़ा बदलाव किया जाएगा। 

चंडीगढ़ में राइट टू सर्विस कमिशन के कमिश्नर अप्वाइंट किए गए के.के. जिंदल ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में राइट टू सर्विस एक्ट कुछ साल पहले ही लागू हो चुका है। इसलिए इन दोनों पड़ोसी राज्यों के एक्ट की स्टडी की जा रही है। हालांकि चंडीगढ़ में राइट टू सर्विस डिपार्टमैंट की संख्या के अनुसार ही दी जाएगी। क्योंकि पंजाब और हरियाणा में कई ऐसे विभाग हैं जो कि चंडीगढ़ में नहीं हैं। 

एक बार ड्राफ्ट तैयार हो जाने के बाद इस डॉक्यूमैंट को यू.टी. के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर से अप्रूवल दिलाई जाएगी। जिसके बाद सभी विभागों की जवाबदेही तय हो जाएगी। दरअसल पंजाब और हरियाणा के एक्ट की स्टडी करने का मकसद यह है कि वहां के विभाग कौन सी सर्विस कितने समय में देने का दावा कर रहे हैं? इसकी तुलना चंडीगढ़ के सरकारी विभागों के दावों से की जाएगी। कहीं कमी मिलने पर उसे बदला जाएगा।

पहले फेज में आएंगे 10 विभाग :
चंडीगढ़ में एक्ट के अंतर्गत सभी 50 विभाग आएंगे। हालांकि पहले फेज में 10 विभागों को इसके अंतर्गत लाया जाएगा। बुधवार को के.के. जिंदल ने कुछ विभागों के साथ मीटिंग की। 

विभागों से जानकारी मांगी गई कि लोगों को कौन-कौन सी सविर्सिज दी जाती हैं। इसके साथ ही सर्विस के लिए कितना समय लगेगा। अभी तक नगर निगम, सी.टी.यू., ट्रांसपोर्ट, इस्टेट ऑफिस, आर.एल.ए. सहित कुछ अन्य विभागों के साथ मीटिंग की जा चुकी हैं। 

सभी विभागों को तैयार करनी होगी अलग वैबसाइट :
बुधवार को मीटिंग के दौरान के.के. जिंदल की ओर से विभागों को साफ तौर से कह दिया गया है कि जो दावे किए जा रहे हैं उन्हें लोगों तक भी पहुंचाना होगा। इसके लिए सभी विभागों को केवल राइट टू सर्विसज की जानकारी देने के लिए ही अलग से वैबसाइट तैयार करनी होगी। इसके साथ राइट टू सर्विस कमिशन भी अपनी अलग से वेबसाइट तैयार करेगा। जहां लोग अपनी शिकायतें दे सकेंगे। 

मौजूदा एक्ट में यह प्रावधान :
-सर्विस न मिलने पर अपीलेंट अथॉरिटी के पास तक मामला जा सकता है। अगर साबित हो जाता है कि एप्लिकेंट को बिना किसी कारण सर्विस नहीं दी जा रही है तो अधिकारियों पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा गया है। 
-बिना उचित कारण के सर्विस न दिए जाने पर कम से कम 500 और अधिक से अधिक 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। 
 

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