Edited By Priyanka rana,Updated: 25 Apr, 2019 09:33 AM
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पढ़ाई के दौरान जूनियर रहे रिटायर्ड इकोनोमिक एडवाइजर अमृत लाल कत्याल (85) घायल हालत में अपने हाउसिंग बोर्ड कॉम्पलैक्स स्थित घर में बंद हो गए।
चंडीगढ़(संदीप) : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पढ़ाई के दौरान जूनियर रहे रिटायर्ड इकोनोमिक एडवाइजर अमृत लाल कत्याल (85) घायल हालत में अपने हाउसिंग बोर्ड कॉम्पलैक्स स्थित घर में बंद हो गए।
सूचना पाकर उनके घर पहुंची स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी की टीम ने उन्हें रैस्क्यू कर मनीमाजरा के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल से छुट्टी दिए जाने पर बुजुर्ग के स्वास्थ्य व नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें सैक्टर-43 स्थित सीनियर सिटीजन होम में रखने के लिए उनके बेटे ने अथॉरिटी की टीम से गुजारिश की है।
अथॉरिटी के लॉ आफिसर राजेश्वर ने बताया कि अमृत लाल का बेटे से मनमुटाव होने के कारण वह पिछले कुछ समय से अपने घर में अकेले ही रह रहे थे और बुधवार को वह कमरे को अंदर से लॉक कर चाबी भूल गए थे।
कमरे में ही गिरकर हुए घायल :
राजेशवर ने बताया कि सुबह उन्हें हाउसिंग बोर्ड काम्पलैक्स से कॉल आई कि एक बुजुर्ग बीती रात से अपने घर में रो रहे हैं और अंदर से दरवाजा नहीं खोल रहे। सूचना पाते ही उनकी टीम पुलिस को लेकर मौके पर पहुंची। इसके साथ ही बुजुर्ग की मदद के लिए यहां पर टीम के साथ डाक्टर, सोशल वैल्फयर की टीम व पुलिस पहुंची। जैसे तैसे एक पड़ोसी ऊपर के रास्ते से घर में गया और वहां पहुंचने पर बुजुर्ग से पता कर चाबी लेकर दरवाजा अंदर से खोला।
जांच में सामने आया कि अमृत लाल हरियाणा गवर्नमैंट के कार्यालय से बतौर इकोनोमिक एडवाइजर रिटायर्ड हैं। टीम ने पाया कि कमरे में गिरने के कारण उन्हें चोट लगी है और उनकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं है। वह टीम से सही से बात तक नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में टीम ने उन्हें उपचार के लिए मनीमाजरा सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया।
बेटे से मनमुटाव के चलते अकेले रहते हैं :
राजेशवर ने बताया कि अमृत लाल का बड़ा बेटा विदेश में रहता है और छोटा कुछ समय पहले तक उनके साथ ही घर में रहता था, लेकिन परिवार में आए दिन होने वाले मनमुटाव के चलते छोटा बेटा भी अब अपने परिवार के साथ पंचकूला में रहता है।
अमृत लाल ने बताया कि उनका बड़ा बेटा करीब 3 साल पहले उनसे मिलने आया था। वो अपनी मां का देहांत होने पर आया था। ऐसे में वह घर पर बिल्कुल अकेले रहते हैं और खाना बनाने के लिए एक नौकरानी को रखा हुआ है जो पिछले करीब 20 साल से उनके घर में काम करती है।
मां की मौत के बाद से परेशान हैं पिता :
अमृत लाल के बेटे एस.के. कत्याल ने बताया कि पिता रात के समय घर का दरवाजा अंदर से लॉक करके सोते हैं। सुबह किसी कारण से वे लॉक नहीं खोल पाए थे। हम बेशक पिता जी से अलग रह रहे हैं, लेकिन प्रतिदिन उनकी देखरेख के लिए मैं उनके पास आता हूं।
उनकी हालत को ध्यान में रखते हुए ही मैंने और परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें सीनियर सिटीजन होम में रखे जाने के लिए अथॉरिटी को पत्र लिखा है। क्योंकि डाक्टर के अनुसार इस हालत में उनका अकेला रहना उनके लिए ठीक नहीं है। मां की मौत के बाद से वे मानसिक तौर से बेहद परेशान रहते हैं।