एस.एफ.एस. की चेतावनी : भाजपा और आर.एस.एस. पी.यू. के मामलों में दखल न दें, नहीं तो अंजाम भुगतने को रहें तैयार

Edited By bhavita joshi,Updated: 21 Jul, 2019 11:28 AM

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पंजाब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी पर एक मर्तबा फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यूनिवर्सिटी में चल रही यूनिट के साथ सांठ-गांठ और मदद करने के आरोप लगे हैं।

चंडीगढ़(साजन शर्मा) : पंजाब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी पर एक मर्तबा फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की यूनिवर्सिटी में चल रही यूनिट के साथ सांठ-गांठ और मदद करने के आरोप लगे हैं। यह आरोप लगाए हैं फिलहाल पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडैंट कौंसिल पर प्रधान के पद पर काबिज एस.एफ.एस. संगठन ने। एस.एफ.एस. ने कहा  कि अगर ए.बी.वी.पी., भाजपा और आर.एस. एस. ने अपने ओछे हथकंडे बंद न किए तो वह इसके नतीजे भुगतने को भी तैयार रहें, क्योंकि पी.यू. के स्टूडैंट्स को यह अनावश्यक हस्ताक्षेप मंजूर नहीं। 

 एस.एफ.एस. ने कहा कि पी.यू. अथॉरिटी लगातार पब्लिक ऑफिस का मिसयूज कर रही है। एस.एफ.एस. ने हॉस्टल नंबर-7 के वार्डन का हवाला देते हुए कहा कि हॉस्टल में ए.बी.वी.पी. के साथ मीटिंग करते हुए वार्डन को रंगे हाथ पकड़ा गया है। यह बेशर्मी की इंतहा है। जहां पी.यू. अथॉरिटी संगठन के साथ गठजोड़ बनाकर आने वाले स्टूडैंट इलैक्शन के लिए उनकी मदद कर रहे हैं। 

ए.बी.वी.पी. की मदद का कोई मौका नहीं छोड़ रही भाजपा और आर.एस.एस.
एस.एफ.एस. ने प्रैस को जारी स्टेटमैंट में कहा कि भाजपा और आर.एस.एस. ए.बी.वी.पी. की मदद का कोई मौका नहीं छोडऱही है। यूनिवर्सिटी के स्टूडैंट्स को प्रभावित करने के लिए हर निचले स्तर का हथकंडा अपना रही है। यह स्टूडैंट्स के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। 

बीते साल भी ए.बी.वी.पी. की गोल्डन जुबली हॉल में हुई डिनर पार्टी में पी.यू. अथॉरिटी ने की थी मदद
एस.एफ.एस. ने आरोप लगाया है कि बीते साल भी ए.बी.वी.पी. ने गोल्डन जुबली हाल में जो डिनर पार्टी की थी,  उसमें पीयू अथॉरिटी ने पूरी मदद की थी। पैसा भी पी.यू. के फंड से ही दिया गया था। इस बार भी पी.यू. अथॉरिटी ने ए.बी.वी.पी. की स्टूडैंट इलैक्शन से एक माह पहले मदद करनी शुरू कर दी है। 

वाइस चांसलर खुलेआम कर रहे ए.बी.वी.पी. के प्रोग्राम अटैंड
एस.एफ.एस. का आरोप है कि वाइस चांसलर खुलेआम ए.बी.वी.पी. के प्रोग्राम अटैंड कर रहे हैं। यह सरासर पब्लिक आफिस का मिसयूज है। यह ठीक उसी तरह से किया जा रहा है, जैसे भाजपा-आर.एस.एस. ने 2019 के लोकसभा चुनावों में पब्लिक आफिस का मिसयूज किया था। 

बीते साल स्टूडैंट्स ने पब्लिक ऑफिस के मिसयूज को किया था एक्सपोज 
एस.एफ.एस. ने कहा कि बीते साल भी स्टूडैंट्स ने पब्लिक आफिस के मिसयूज को एक्सपोज किया था। पी.यू. अथॉरिटी की यह आदत रही है कि वह चुनावों में सीधे हस्तक्षेप करती है। हॉस्टल रूमों के एलोकेशन में यह स्पष्ट नजर आ रहा है। 

ए.बी.वी.पी. में दम नहीं है कि वह अपने लैवल पर स्टूडैंट्स के मुद्दे उठा सके
एस.एफ.एस. ने आरोप लगाया कि ए.बी.वी.पी. में दम नहीं है कि वह अपने तौर पर स्टूडैंट्स के मुद्दे उठा सकें। लिहाजा अपनी पेरैंट पार्टी भाजपा और आर.एस.एस. के जरिए हायर एजुकेशन को तबाह करने में लगी है। हायर एजुकेशन का प्राइवेटाइज और कमर्शियलाइजेशन हो रहा है। इसका अब भगवाकरण भी होने लगा है। पैसे और ताकत से स्टूडैंट्स को प्रभावित करने की कोशिशें हो रही हैं। एस.एफ.एस. ने भाजपा और आर.एस.एस. के पी.यू. कैंपस में दखल को लेकर जोर-शोर से विरोध जताया है। 

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