चंडीगढ़ के नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल डायरैक्टर साजी मोहन को 15 साल कैद

Edited By pooja verma,Updated: 20 Aug, 2019 11:37 AM

saji mohan of narcotics control bureau chandigarh imprisoned for 15 years

एंटी टैररिज्म स्क्वायड (ए.टी.एस.)  की ओर से 2009 में गिरफ्तार किए गए पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी साजी मोहन को ड्रग्स तस्करी के एक मामले में दोषी करार देते हुए मुम्बई की विशेष नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सबस्टांसेज अदालत ने 15 साल की सजा सुनाई है।

चंडीगढ़ (ब्यूरो): एंटी टैररिज्म स्क्वायड (ए.टी.एस.)  की ओर से 2009 में गिरफ्तार किए गए पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी साजी मोहन को ड्रग्स तस्करी के एक मामले में दोषी करार देते हुए मुम्बई की विशेष नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक सबस्टांसेज अदालत ने 15 साल की सजा सुनाई है, जबकि इस केस में उसके बॉडीगार्ड रहे कांस्टेबल राजेश को भी दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है। 

 

इन दोनों के अलावा एक अन्य शख्स भी ए.टी.एस. के हत्थे चढ़ा था, लेकिन सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया। इनके पास से कुल 44 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई थी। मुंबई से किया था गिरफ्तार : ए.टी.एस. ने 17 जनवरी 2009 को मुम्बई के एक बिजनैसमैन और कांस्टेबल राजेश का मुम्बई के औशिवार से गिरफ्तार कर उनके पास से ड्रग्स बरामद की थी। 

 

इसके एक सप्ताह बाद केस में पूर्व आई.पी.एस. साजी मोहन की गिरफ्तारी की गई थी उसके पास से भी ड्रग बरामद की थी। मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि साजी मोहन के पास से जो ड्रग पकड़ी गई थी, वह उसे चंडीगढ़ से लेकर आया था जहां वह नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को जोनल डायरैक्टर था। अभियोजन पक्ष ने साजी मोहन के लिए 20 साल की सजा की मांग की थी। 

 

मामले में स्पैशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने मामले में बहस के दौरान कहा था कि साजी मोहन को इससे पहले चंडीगढ़ में दर्ज एन.डी.पी.एस. मामले में 13 साल की सजा सुनाई जा चुकी है और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी उसकी सजा को बरकरार रखा था।


 

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