केले के फाइबर से PU तैयार करेगा सैनिटरी नैपकिन

Edited By Priyanka rana,Updated: 21 Dec, 2019 11:03 AM

sanitary napkin will make pu from banana fiber

केले से जो वेस्ट फाइबर निकलता है। उस वेस्ट को माइक्रोबेल एंजाइम ट्रीटमेंट देकर सैनिटरी नैपकिन बनाई जा सके।

चंडीगढ़(रश्मि) : केले से जो वेस्ट फाइबर निकलता है। उस वेस्ट को माइक्रोबेल एंजाइम ट्रीटमेंट देकर सैनिटरी नैपकिन बनाई जा सके। इस प्रोजेक्ट पर पंजाब यूनिवर्सिटी के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की ओर से काम किया जा रहा है। 

पी.यू. के इस विभाग को क्षेत्रीय डेराबस्सी की एक पेपर मिल से काम मिला है। पेपर मिल के सहयोग से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। केमिकल मुक्त और जल्द नष्ट होने वाले सैनिटरी नैपकिन बनाना पी.यू. और इस मिल का मकसद है। हालाँकि दुनिया में भी इस तरह के प्रोजेक्ट पर काम करने की कोशिशें की जा रही हैं। 

केले के इस वेस्ट पेपर पर जो माक्रोबेल एंजाइम प्रयोग होंगे वह ईको फ्रैंडली होंगे जबकि पहले जो नैपकीन बनाए जाते है उनमें केमिकल का प्रयोग किया जाता है। केमिकल से मुक्त होने से यह महिलाओं के स्वास्थ्य लिए भी अच्छा होगा। 

माइक्रोबेल विभाग के डॉ. प्रिंस ने बताया कि केले की वेस्ट पर केमिकल का प्रयोग न हो इसलिए इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। काम शुरू हुए अभी दो माह ही हुए हैं। इसके कुछ रिजल्ट आए भी हैं। इस प्रोजेक्ट पर लंबा काम करना बाकी है। इस प्रोजेक्ट पर डॉ. नीना कपलाश और रिसर्च स्कॉलर संजीव बालरा भी काम कर रहे हैं।

ब्राजील में 30 फीसदी टैक्सटाइल केले के फाइबर से बनता है :
एक हैक्टेयर केले के फॉर्म से 220 टन बायोमास का उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि दुनिया में ब्राजील में केले की खेती का 30 फीसदी से टैक्सटाइल प्रोडक्शन में प्रयोग हो रहा है। पूरी दुनिया में 1 वर्ष में एक 1 लाख टन केले का फाइबर बन जाता है। केले का फाइबर वाली बोयोडिग्रेवल नैचुरल सोरबैंट,पानी प्रतिरोधक है। इससे रस्सी, चटाई, बैडपेपर शीट, पैकेजिंग, कपड़ा, हस्तशिल्प और फाइबर कंपोजिट बन सकते हैं। 
 


 

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