Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 08:49 AM
मुल्लांपुर गरीबदास के मुन्ना लाल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में 25 अक्तूबर को पंजाब के गवर्नर वी.पी. सिंह बदनौर शहीद की याद में करवाए गए कार्यक्रम में दोपहर बाद पहुंचे। इस दौरान बदनौर ने शहीद सुच्चा सिंह के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया।
नयागांव(मुनीष) : मुल्लांपुर गरीबदास के मुन्ना लाल सीनियर सैकेंडरी स्कूल में 25 अक्तूबर को पंजाब के गवर्नर वी.पी. सिंह बदनौर शहीद की याद में करवाए गए कार्यक्रम में दोपहर बाद पहुंचे। इस दौरान बदनौर ने शहीद सुच्चा सिंह के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया।
गवर्नर ने इस दौरान स्कूल में पढऩे वाले हर्ष को 10वीं कक्षा में अच्छे नंबर लाने के लिए 11 हजार रुपए नकद देकर सम्मानित किया। गवर्नर ने कहा कि इसी स्कूल में चंडीगढ़ पुलिस में तैनात शहीद सुच्चा सिंह ने पढ़ाई की थी। जो आज इस गांव की शान हैं। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे अपनी पढ़ाई पर फोकस करें और अपने गांव व शहर का नाम रौशन करें।
उन्होंने घोषणा की कि हर साल 10वीं कक्षा में टॉपर आने वाले स्कूल के स्टूडैंट को स्कॉलरशिप दी जाएगी। गवर्नर ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों की प्रशंसा भी की। इस मौके पर मोहाली के प्रशासनिक अधिकारी, डी.सी. गुरप्रीत कौर, पूर्व मंत्री जगमोहन सिंह कंग, समाजसेवी अरविंद पुरी मौजूद थे।
लाईबे्ररी का उद्घाटन नहीं हुआ :
शहीद की याद में स्कूल में लाईब्रेरी का उद्घाटन गवर्नर ने करना था लेकिन स्कूल में कमरे की रैनोवेशन करवाकर उसमें शहीद की फोटो लगाकर गवर्नर से उसका उद्घाटन करवा दिया गया, जबकि गवर्नर को लाईब्रेरी तक ले जाया ही नहीं गया। पंजाब केसरी ने लाईब्रेरी का काम उद्घाटन से एक दिन पहले तक पूरा न होने का समाचार प्रकाशित किया था। गवर्नर से डांट न पड़ जाए जिस कारण उन्हें लाईब्रेरी तक ले जाया गया ही नहीं।
गवर्नर से नहीं मिलने दिया :
गांव मुल्लांपुर गरीबदास निवासी छात्रा परमजीत कौर के पिता मलकीत सिंह सुबह से ही स्कूल में गवर्नर का इंतजार कर रहे थे। स्कूल प्रबंधन ने उन्हें गवर्नर से मिलाने का आश्वासन दिया था। बच्ची के पिता मलकीत सिंह व माता हरजिंद्र कौर ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत अच्छी है जो 10वीं व 12वीं कक्षा में अच्छे नंबर लेकर पास हुई है पर उसे हार्ट की प्रॉब्लम है और उसका पी.जी.आई. में इलाज चल रहा है।
वह चाहते थे कि गवर्नर से मिलकर वे अपनी आर्थिक हालत बताते और उनसे आर्थिक मदद मांगना चाहते थे पर इंतजार करने के बाद भी उन्हें गवर्नर से मिलने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी आगे अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है पर पैसे न होने के कारण वह उसकी पढ़ाई आगे जारी नहीं रख सकते।
साइड इफैक्ट गवर्नर के कार्यक्रम से कई दफ्तरों में काम रहा ठप्प :
गवर्नर के दौरे को लेकर सभी मुलाजिम तैयारियों में जुटे थे, जिस कारण कार्यालयों में कामकाज ठप्प रहा। जो लोग कार्यालयों में काम करवाने आए हुए थे उन्हें मायूस लौटना पड़ा। लोगों का कहना था कि वे दूरदराज क्षेत्रों से काम करवाने के लिए आए थे पर अधिकारी व कर्मचारी न मिलने के कारण उन्हें फिर काम के लिए आना पड़ेगा। जिससे उनका वक्त व पैसा दोनों खर्च होगा।