Edited By Priyanka rana,Updated: 16 May, 2019 08:58 AM
बुधवार को गवर्नमैंट हाई स्मार्ट स्कूल-53 में एक बच्चे को गंभीर चोट लग गई।
चंडीगढ़(वैभव) : बुधवार को गवर्नमैंट हाई स्मार्ट स्कूल-53 में एक बच्चे को गंभीर चोट लग गई। स्कूल प्रशासन ने बच्चे को चोट लगने के बाद भी उसे गंभीरता से नहीं लिया।
सुबह 9 बजे स्कूल के पांचवीं क्लास के छात्र आसिफ मलिक को आंख के पास गंभीर चोट लगी थी, जिसकी वजह से बच्चे का बहुत ज्यादा खून बह गया था। बावजूद इसके एक घंटे बाद तक भी बच्चे को फर्स्ट एड नहीं दी गई। स्कूल प्रशासन के इस रवैये से बच्चे के अभिभावकों में रोष है। 5वीं क्लास में पढ़ रहा मासूम आसिफ दर्द से कराहता रहा मगर स्कूल प्रशासन बच्चे के मुंह और खून को पानी से साफ करने की बात करता रहा।
बच्चे का पैर स्लिप होने के बाद लगी चोट :
अभिभावकों के अनुसार सुबह के पीरियड के दौरान उनके बेटे का पैर स्लिप होने के कारण आंख के पास चोट लग गई। वहीं पैरेंट्स का कहना है कि यह हादसा सिर्फ पीरियड टीचर की लापरवाही की वजह से हुआ है।
इसके अलावा बच्चे के पिता ने कहा कि जब बच्चे को पहले चोट आई थी, उस समय भी इसी टीचर का पीरियड था। एक माह पहले भी आसिफ को चोट लगी थी और 3 टांके लगे थे।
परिजनों का आरोप, इसी टीचर की क्लास में कई छात्रों को लगी चोट :
बच्चे के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया कि बच्चे को टांकेे लगाने के बाद जो डॉक्टर ने दवाइयां लिखी थी, उसमें से टीचर्स ने महंगी दवाइयां नहीं ली।
छात्र के अभिभावकों ने आरोप लगाया कि जब से नए हैडमास्टर स्कूल में आए हैं। टीचर मुकेश सेट्ठी के पीरियड में ही कई अन्य बच्चों को भी चोटें लगी हैं। इसलिए वीरवार सुबह अन्य पैरेंटस भी स्कूल पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे और टीचर एवं प्रिंसिपल के इस्तीफे की मांग की जाएगी।
क्लासरूम धोना था, इसलिए बच्चों को भेजा बाहर :
जिस समय बच्चे की आंख के पास चोट लगी उस समय टीचर मुकेश सेट्ठी का पीरियड चल रहा है। मुकेश ने बताया कि क्लास में एक छात्र ने वोमिटिंग कर दी थी। क्लासरूम की सफाई करने के लिए सभी बच्चों को ग्राउंड में भेजा गया।
इस दौरान बच्चे को चोट लग गई, मगर जब इस बात का पता चला तो टीचर्स ने उस छात्र को तुरंत फर्स्ट एड दिया और उसे जी.एम.एस.एच.-16 लेकर गए, जहां दवाईयों का पूरा खर्चा स्कूल टीचर्स ने दिया।
मुकेश ने बताया कि उस समय पूरी क्लास के साथ वह और दो टीचर्स हरमन और गजराज उनके साथ थे। वहीं जब इस मामले की जानकारी लेने के लिए हेडमास्टर रामदेव शर्मा को कॉल की गई तो उन्होंने अपने नंबर की कॉल दूसरे नंबर पर डॉयवर्ट की हुई थी।