Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 09:58 AM
पंजाब यूनिवर्सिटी के वी.सी. पर चल रहे सैक्सुअल हरासमैंट केस में एम.एच.आर.डी. के निर्देशों पर गठित कमेटी की चेयरपर्सन हरियाणा के कोऑपरेटिव व विजीलैंस डिपार्टमैंट की एडिशनल चीफ सैक्रेटरी नवराज संधू हो सकती हैं।
चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी के वी.सी. पर चल रहे सैक्सुअल हरासमैंट केस में एम.एच.आर.डी. के निर्देशों पर गठित कमेटी की चेयरपर्सन हरियाणा के कोऑपरेटिव व विजीलैंस डिपार्टमैंट की एडिशनल चीफ सैक्रेटरी नवराज संधू हो सकती हैं।
वह हरियाणा चीफ सैक्रेटरी मीनाक्षी आनंद चौधरी की जगह कमेटी का पद्भार संभाल सकती हैं। वहीं हरियाणा की हायर एजुकेशन सैक्रेटरी ज्योति अरोड़ा भी कमेटी मैंबर होंगी। इनके अलावा पी.यू. कैश चेयरपर्सन मनिनंदर कौर और पी.यू. की सीनियर प्रोफैसर भी कमेटी में शामिल रहेंगी। नए सदस्यों के नामों पर फाइनल मोहर वी.सी. लगाएंगे।
बुधवार को पी.यू. सिंडीकेट की हुई स्पैशल मीटिंग को सेवानिवृत प्रिंसीपल डा. सतीश शर्मा ने चेयर किया। फिलहाल इन चार नामों की सिफारिशें इस मीटिंग में की गई। मीटिंग में 11 सदस्य शामिल हुए। नए सिंडीकेट सदस्यों की सत्र-2018 में यह पहली मीटिंग थी। नामों पर फाइनल मोहर लगने का एजैंडा 21 जनवरी को होने वाली सीनेट मीटिंग में आएगा।
चांसलर खुद कमेटी मैंबर्स का करें चुनाव :
दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू हुई बैठक करीब देर शाम आठ बजे खत्म हुई। बैठक काफी हंगामेदार रही। बैठक में अशोक गोयल और केशव मल्होत्रा ने इंडीपैंडैंट कमेटी की बात उठाई। उन्होंने कमेटी के सदस्यों के नाम पर डिसैंट भी दिया। उन्होंने कहा कि यह कमेटी सैक्सुअल हरासमैंट कमेटी एक्ट के तहत नहीं बनी है। गोयल और मल्होत्रा ने कहा कि चांसलर खुद कमेटी मैबंरों का चुनाव करें।
मीनाक्षी आनंद थी चेयपर्सन :
गौरतलब है कि पहले कमेटी की चेयरपर्सन मीनाक्षी आनंद थी, लेकिन उन्होंने पी.यू. के रजिस्टरार जी.एस. चड्ढा को पत्र लिखा था कि वह अब हरियाणा के चीफ सैक्रेटरी के पद से सेवानिवृत हो चुकी हैं। उन्होंने लिखा था कि एक्ट के नियमों के तहत सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें कमेटी का चेयरपर्सन नहीं बनाया जा सकता।
अढ़ाई साल पुराना है मामला :
सोशियोलॉजी विभाग की महिला प्रो. का सैक्सुअल हरासमैंट का यह केस अप्रैल-2015 का है। तब यह केस पी.यू. कैश को भेज दिया था। पहले वी.सी. पर मिसबिहेव का आरोप लगा था। बाद में शिकायतकर्ता ने सैक्सुअल हरासमैंट का आरोप लगाया था।
इसके बाद नैशनल कमिशन फॉर वूमैन में भी मामला गया। करीब अढ़ाई साल में कई बार मामले में कमेटियां बनीं, लेकिन इनका कोई रिजल्ट नहीं निकला। सत्र-2018 जुलाई में वी.सी. प्रो. अरुण ग्रोवर का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है।