Edited By ,Updated: 17 Aug, 2016 03:52 PM
पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) के मौजूदा सीनेटर एस.एस. रंधावा का नाम इस बार के सीनेट चुनावों के लिए ग्रैजुएट कांस्टीटयूएंसी की हुई नोमिनेशन से रद्द कर दिया गया है।
चंडीगढ़ (रश्मि): पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) के मौजूदा सीनेटर एस.एस. रंधावा का नाम इस बार के सीनेट चुनावों के लिए ग्रैजुएट कांस्टीटयूएंसी की हुई नोमिनेशन से रद्द कर दिया गया है। नोमिनेशन रद्द करने की वजह नोमिनेशन में गलत एड्रैस देना बताया गया है जबकि सीनेटर एस.एस. रंधावा पिछले दो बार से यानी 8 सालों से लगातार बतौर सीनेटर के तौर पर चुने जा रहे हैं।
सीनेटर एस.एस. रंधावा का कहना है कि उन्होंने नोमिनेशन फार्म में वही एड्रैस दिया है जो एड्रैस उनकी वोटर लिस्ट में है। नियमों के तहत भी नोमिनेशन फार्म में वही एड्रैस भरना होता है जो वोटर लिस्ट में होता है। सीनेटर रंधावा ने कहा कि वह अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि जानबूझकर मुझे टारगेट बनाया जा रहा है। मैं इसे कोर्ट में चैलेंज करूंगा।
जानबूझकर किया गया ऐसा
बकौल एस.एस. रंधावा मेरा जानबूझकर नोमिनेशन रद्द किया गया है। सीनेटर रंधावा ने सीधे तौर पर पी.यू. के रजिस्ट्रार कर्नल (सेवानिवृत्त) जी.एस. चड्डा पर अरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर मेरा नोमिनेशन रद्द किया है। जब मैं पहले दो लगातार सीनेटर के तौर पर चुना जा चुका हूं, ऐसे में मेरा फार्म रद्द करने का सवाल नहीं उठता है।
52 नोमिनेशन में से दो हुए रद्द
जानकारी के मुताबिक ग्रैजुएट कांस्टीटयूएंसी से चुनाव लडऩे के लिए कुल 52 नोमिनेशन आए थे जिनमें से दो नोमिनेशन रद्द हो गए है। इनमें से एक नोमिनेशन सीनेटर एस.एस. रंधावा का और दूसरा भूपिंद्र सिंह नाम के एक व्यक्ति का रद्द हुआ है। यह सीनेटर नोमिनेशन रद्दता के मामले को लेकर आगामी 22 अगस्त तक चैलेंज कर सकते हैं और अपना पक्ष रख सकते हैं।
इस संबंध में पी.यू. के रजिस्ट्रार कर्नल जी.एस. चड्डा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि पी.यू. के कैलेंडर में लिखे नियमों के तहत ही कुछ नोमिनेशन को रद्द किया गया है। जो भी नियमों को पूरा नहीं करते उन्हीं का नाम रद्द हुआ है।
नोटिस देना चाहिए था
कुछ सीनेटरों का कहना है कि अगर एड्रैस में कोई गलती पाई गई है तो इसका नोटिस सीनेटर एस.एस. रंधावा को देकर उन्हें यह एड्रैस ठीक करने के लिए कहा जाना चाहिए था। लेकिन बजाय नोटिस देने के सिरे से ही उनका नोमिनेशन खारिज कर दिया गया है जो कि पूरी तरह से गलत है। सीनेटरों का कहना है कि इनकी दमदार परफॉर्मेंस रही है। स्टूडैंट और जरूरतमंद लोगों की समस्याओं को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। सीनेटरों का कहना है कि रंधावा काम करने वाले अ'छी शख्सियत के व्यक्ति है और उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।