Edited By Priyanka rana,Updated: 06 Feb, 2020 09:43 AM
एयरलाइंस की गलती के कारण सीनियर सिटीजन को पूरी जर्नी के दौरान ही परेशानी का सामना करना पड़ा, जिसके चलते इंडिया पहुंचने पर वह बीमार भी हो गई।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : एयरलाइंस की गलती के कारण सीनियर सिटीजन को पूरी जर्नी के दौरान ही परेशानी का सामना करना पड़ा, जिसके चलते इंडिया पहुंचने पर वह बीमार भी हो गई। उपभोक्ता आयोग ने लुफ्थांसा जर्मन एयरलाइंस, ब्रिटिश एयरवेज व सूर्या ट्रैवल पर कुल मिलाकर 70 लाख रु पए का हर्जाना ठोका है। तीनों पार्टियों को हर्जाने की अपनी-अपनी राशि का शेयर देना होगा।
पहले तो शिकायतकर्ता को सैन फ्रांसिस्को में कैंसिल फ्लाइट के बारे जानकारी नहीं दी गई, जिसके चलते उन्हें तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। बिना शिकायतकर्ता की सहमति के उनकी जर्नी री-रूट कर दी गई, जबकि ये जानते हुए भी कि उनके पास ट्रांजिट वीजा नहीं है। यहां तक कि डेनमार्क में ट्रांजिट वीजा की भी उनके लिए व्यवस्था नहीं की गई।
व्हील चेयर और डायबिटिक फूड की व्यवस्था नहीं की :
सैक्टर-35सी चंडीगढ़ निवासी सीनियर सिटीजन हरशरण कौर धालीवाल ने आयोग में शिकायत दी कि उन्होंने सूर्या ट्रैवल एंड एसोसिएट्स सैक्टर-17सी चंडीगढ़ से राउंड ट्रिप बुकिंग की थी। इसमें न्यू दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को और सैन फ्रांसिस्को से न्यू दिल्ली तक का सफर था।
इसके लिए सभी टिकट कंफर्म हो गई और उन्होंने 18 जनवरी 2018 को अपनी यात्रा शुरु की। ये यात्रा उनकी सफल रही, लेकिन उन्होंने व्हील चेयर व डायबिटिक फूड की व्यवस्था नहीं की। वहीं वापसी पर उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और ये उनके लिए काफी भयानक सफर रहा।
प्लेन से उतारा, असिस्टैंट भी नहीं दी :
हरशरण कौर ने बताया कि उनकी सैन फ्रांसिस्को से पहले फ्रैंकफर्ट तक के लिए फ्लाइट थी, जिसके लिए उन्होंने बोर्डिंग पास भी ले लिया था और चैक इन भी कर लिया था। वह तीन घंटे तक प्लेन में इंतजार करती रही, जिसके बाद उन्हें उतार दिया गया और उनको कोई असिस्टैंट भी नहीं दी गई। ये जानकार वह दंग रही गई कि लुफ्थांसा एयरलाइंस ने बिना उनकी सहमति के उनकी जर्नी री-रुट कर दी।
देरी से पहुंची फ्लाइट, दूसरी जा चुकी थी :
उन्हें ब्रिटिश एयरवेज के साथ वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इसमें सैन फ्रांसिस्को से लंदन, लंदन से कोपेनहेगन (डेनमार्क) और फिर कोपेनहेगन से न्यू दिल्ली के लिए सफर करना था। उनकी सेहत ठीक नहीं थी, इसलिए वह तुरंत इस सफर के लिए राजी हो गई। 19 मार्च 2018 को उन्होंने सैन फ्रांसिस्को से फ्लाइट ली, लेकिन ये लंदन में देरी से पहुंची। जिससे लंदन से कोपेनहेगन के लिए फ्लाइट पहले ही उड़ान भर चुकी थी।
इस तरह दोनों एयरलाइंस की गलती के कारण उन्होंने फ्लाइट मिस कर दी। इस तरह उनके दिल्ली पहुंचने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई। इस तरह 20 मार्च को लंदन से उन्होंने कोपेनहेगन के लिए एक और फ्लाइट ली और वहां पहुंच गई, लेकिन शैड्यूल के तहत वहां से न्यू दिल्ली के लिए कोई कनैक्टिंग फ्लाइट नहीं थी। फ्लाइट न होने के कारण प्रोपर वीजा न होने के चलते वह कोपेनहेगन (डेनमार्क) एयरपोर्ट पर खड़ी रही। ये दोनों एयरलाइंस की जिम्मेदारी बनती थी कि वह ट्रांजिट वीजा की व्यवस्था करती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यहां तक कि व्हील चेयर, स्पैशल डाइट व अन्य सुविधाएं वहां पर प्रदान नहीं की गई।
लुफ्थांसा जर्मन एयरलाइंस और ब्रिटिश एयरवेज पर यह लगाया जुर्माना :
आयोग ने कहा कि लुफ्थांसा एयरलाइंस सैन फ्रांसिस्को एयरपोर्ट पर फ्लाइट कैंसिल होने के चलते शिकायतकर्ता को 10 लाख रुपए अदा करें, जिस वजह से उन्हें प्लेन में 3 घंटे तक वेट करनी पड़ी। लुफ्थांसा एयरलाइंस व ब्रिटिश एयरवेज दोनों समान शेयर में बिना शिकायतकत्र्ता की सहमति के उसकी जर्नी री-रूट करने के लिए शिकायतकर्ता को 5 लाख रुपए अदा करें।
लुफ्थांसा एयरलाइंस व ब्रिटिश एयरवेज दोनों को समान शेयर में डेनमार्क के लिए ट्रांजिट वीजा का बंदोबस्त न करने के लिए 10 लाख रुपए मुआवजा देना होगा। इसके अलावा बिना किसी गलती के शिकायतकर्ता को लोकल बॉर्डर पुलिस द्वारा डिटैंशन में रखने के चलते लुफ्थांसा एयरलाइंस व ब्रिटिश एयरवेज दोनों को समान शेयर में 25 लाख रुपए मुआवजा देना होगा।
दोनों एयरलाइंस को व्हील चेयर, डायबिटिक मील व अन्य सहायता न प्रदान करने के चलते शिकायतकर्ता को समान शेयर में 10 लाख रुपए मुआवजा देना होगा। शिकायतकर्ता की जर्नी में 52 घंटे देरी करने के चलते दोनों एयरलाइंस को समान शेयर में 5 लाख रुपए मुआवजा देना होगा।
सूर्या ट्रैवल्स पर यह लगा जुर्माना :
सूर्या ट्रैवल्स एंड एसोसिएट्स को अपनी जिम्मेदारी से भागने के लिए 5 लाख रुपए मुआवजा शिकायतकर्ता को देना होगा। इसके अलावा तीनों पार्टियों को 50 हजार रुपए मुकदमा खर्च भी देना होगा। आदेश की प्रति मिलने पर 45 दिन के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी, नहीं तो इस पर 9 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।
डेनमार्क में क्रिमिनल जैसा बर्ताव किया गया :
वीजा न होने के कारण डेनमार्क में लोकल बॉर्डर पुलिस ने उन्हें डिटैंशन में रखा। इस दौरान उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि रात को एयरपोर्ट पर पानी तक की व्यवस्था नहीं थी, क्योंकि सभी शॉप्स बंद हो गई थी। यहां पर उनके साथ क्रिमिनल की तरह बर्ताव किया गया।
इस दौरान उनके पति ने एम्बेसडर के साथ संपर्क किया और उनकी सहायता से उन्हें रिलीज किया गया और वह उसके बाद ही फ्लाइट लेकर किसी तरह न्यू दिल्ली पहुंची। दूसरे तीनों पक्षों ने आयोग में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने सेवा में कोई कोताही नहीं बरती। आयोग ने कुल 70 लाख रुपये हर्जाना ठोका है, जो इस प्रकार है।