Edited By Sandeep,Updated: 27 Nov, 2021 02:27 PM
मारपीट मामले में साक्ष्यों के अभाव में 5 बरी
चंडीगढ़, (संदीप): मारपीट के मामले में साक्ष्यों के अभाव के चलते जिला अदालत ने 5 को बरी किया है। अदालत ने अनिल, सतीश, कृपा शंकर, होसलिंदर और अमित को बरी किया हैं। आरोपियों के वकील प्रबल विक्रांत ने कहा कि पुलिस ने उन पर झूठा केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने भी अदालत में बयान दिया कि आरोपियों की गिरफ्तारी उसके सामने नहीं हुई थी। पुलिस ने उसके ब्लैंक पेपर्स पर साइन करवा लिए थे। वह तो आरोपियों के नाम भी नहीं जानता था। जिसके चलते ही अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में उक्त सभी को बरी किया है। सारंगपुर थाना पुलिस ने 2017 में सब के खिलाफ केस दर्ज किया था।
पुलिस को दी शिकातय में अनिल ने बताया था कि वह अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था। तभी वहां कृपा शंकर आया और उनके खेल में बाधा डालने लगा। अनिल ने जब रोका तो उसने झगड़ा करना शुरू कर दिया। इतने में कृपा शंकर के साथी भी वहां आ गया। उन्होंने अनिल के हाथ पकड़े और उसे रॉड से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। अनिल बुरी तरह जख्मी हो गया और उसे सेक्टर-16 के अस्पताल ले जाया गया जहां पुलिस ने उसके बयान दर्ज कर केस दर्ज किया था।
सजा के साथ अदालत ने दोषी पर लगाया 10 हजार रूपए का जुर्माना
नाबालिग से कुकर्म किए जाने के मामले में जिला अदालत ने दोषी को 5 साल की सजा सुनाई है सजा के साथ अदालत ने दोषी पर 10 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है। मलोया थाना पुलिस ने वर्ष 2019 में दोषी के खिलाफ केस दर्ज कर उसे उसे काबू किया था।
थाना पुलिस द्वारा दर्ज किए गए केस के अनुसार पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित की मां ने बताया था कि वारदात के दिन वह अपने घर का कामकाज निपटाने के बाद अपने 5 साल के बेटे के कमरे में पहुंची तो उसने देखा कि उसका बेटा वहां कमरे में नही है। जिसके बाद अपने बेटे को तलाशते हुए जब घर की छत पर पहुंची तो उसने पाया कि एक युवक बेटे के साथ कुकर्म कर रहा है। उन्हें देखते ही वह मौके से फरार हो गया। इस बात की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने बच्चे का मेडिकल करवाने के बाद केस दर्ज कर आरोपी को काबू किया था।