Edited By Priyanka rana,Updated: 22 Nov, 2018 10:42 AM
चंडीगढ़ चाइल्ड एंड वूमैन डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन लिमिटेड ने कई साल पहले कुछ विभागों को दिए लोन और एडवांसों की रिकवरी नहीं की है।
चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ चाइल्ड एंड वूमैन डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन लिमिटेड ने कई साल पहले कुछ विभागों को दिए लोन और एडवांसों की रिकवरी नहीं की है। इन्हें खराब ऋण की श्रेणी में डाल दिया गया है। ऑडिट विभाग ने हाल ही में जो ऑडिट किया है, उसमें कई विभागों से लोन रिकवरी करने की हिदायत कार्पोरेशन को दी है। साथ ही यह टिप्पणी भी की है कि यह लोन वैसे तो मिलने बहुत ही मुश्किल है लेकिन कोशिशें बरकरार रखनी चाहिए।
हैरानी वाली बात यह है कि कार्पोरेशन के लैजर में पी.एम.ओ. की ओर भी 300 रुपए बकाया हैं। यू.टी. के कई विभाग कार्पोरेशन के कर्जदार हैं। इनमें नैशनल हाऊसिंग फाइनैंस डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन ने 81,839 रुपए देने हैं। म्यूनिसिपल कार्पोरेशन के सेक्रैटरी की ओर 48,200 रुपए निकाले गए हैं। जी.एम.सी.एच. 32 की ओर 39,155 रुपए बकाया है।
चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड कार्पोरेशन ने 26 हजार 508 रुपए देने हैं। चंडीगढ़ इंडस्ट्रीयल डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन ने भी 3472 रुपए चुकाने हैं। कंट्रोलर प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी ने भी 1295 रुपए देने हैं। कुल मिलाकर यह अमाऊंट 2 लाख रुपए से भी ऊपर है। ऑडिट विभाग ने यह ऑडिट 2011 का किया है जिसमें यह खुलासे हैं।
शैल्टर होम को दिए 9.71 लाख भी वापस मिलना मुश्किल :
करंट एसेट, लोन एंड एडवांसिस के अगेंस्ट स्वधार शेल्टर होम को कारर्पोरेशन ने 9.71 लाख रुपए दिए थे। यह पैसे भी आज तक रिकवर नहीं किए गए। इस रकम के मिलने की कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि स्वधार शैल्टर होम 15 जनवरी 2016 को बंद हो गया। कारर्पोरेशन ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न भी फाइल नहीं किए हैं और न ही जिन मदों पर टी.डी.एस. काटा गया है, वह वापिस बैंक से मांगा है। यह घोर लापरवाही है।
ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि कारपोरेशन ने अकाउंट्स की फिजीकल वेरीफिकेशन करने की जहमत ही नहीं उठाई। कार्पोरेशन ने लोन व एडवांसिज देने से पहले लोन देने वाले से किसी तरह की सिक्योरटी नहीं ली। आर.टी.आई. एक्टिविस्ट आर.के. गर्ग ने यह जानकारी मांगी थी।