Edited By ashwani,Updated: 07 Jan, 2021 10:36 PM
बोर्ड कार्यालय के बाहर भाजपा नेताओं ने दिया धरना
पुलिस नेताओं को ले गई थाने, कार्यकत्र्ताओं ने किया हंगामा
चंडीगढ़, (राय) : चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की टीम वीरवार को मौलीजागरां की इंदिरा कॉलोनी में अवैध रूप से 25 गज व उससे कम एरिया में बने मकानों को तोडऩे पहुंची। बोर्ड अधिकारियों ने अभी कारवाई शुरू ही की थी कि भाजपा नेता समर्थकों समेत वहां पहुंच गए व तोडफ़ोड़ का विरोध करने लगे। वे मांग कर रहे थे कि बोर्ड सर्दियों के मौसम के बाद तोड़ फोड़ की कार्रवाई करे। इस दौरान भाजपा नेताओं व बोर्ड अधिकारियों की बहस हो गई व पुलिस से भी धक्कामुक्की हुई। इसके बाद हाऊसिंग बोर्ड कार्यालय के बाहर भाजपा नेताओं ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। भाजपा महामंत्री रामवीर भट्टी ने कहा कि जब तक बोर्ड तोडफ़ोड़ की कार्रवाई स्थगित नहीं करता तब तक धरना जारी रहेगा।
भट्टी समेत 3 नेताओं को उठाकर थाने ले गई पुलिस
तोडफ़ोड़ के विरोध में भाजपा के महामंत्री रामवीर भट्टी, पार्षद विनोद अग्रवाल व जिला सचिव मनु माहौल गरमाता देख आई.टी. पार्क की थाना पुलिस तीनों को उठाकर थाने ले जाने लगी तो तीनों नेताओं ने इसका विरोध किया। पुलिस इन्हें जबरन उठाकर थाने ले गई और वहां डिटेन कर लिया। इस बीच तीनों नेताओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अभद्र व्यवहार का भी विरोध जताया।
कार्यकत्र्ता भी पहुंचे गिरफ्तारी देने
पुलिस की कार्रवाई की खबर मिलते ही रविंदर पठानिया समेत अन्य जिलों के नेता भी सैंकड़ों कार्यकत्र्ताओं समेत थाने पहुंच गए और गिरफ्तारी दी। कार्यकत्र्ताओं ने पुलिस से कहा कि या तो वह उन पर पर्चा दर्ज करें या छोड़ दें। इसके बाद कार्यकत्र्ताओं की बढ़ती संख्या देख पुलिस ने सभी कार्यकत्र्ताओं को छोड़ दिया। इसके बाद रामवीर भट्टी, विनोद अग्रवाल, मनु, पार्षद शक्ति प्रसाद देवशाली, विनोद अग्रवाल,भरत कुमार, जगतार जग्गा, अनिल दुबे, राजेश कालिया, गुरप्रीत ढिल्लों आदि के नेतृत्व में मार्च करते हुए चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड की ओर निकल लिए। देर शाम तक पार्षदों के साथ-साथ जिला प्रधान रविंदर पठानिया, भजन सिंह माढू, डा. नरेश, रजिंद्र शर्मा, मनू भसीन, युवा मोर्चा से विजय राणा, कृष्ण, शशांक भट्ट आदि महिलाओं व वरिष्ठ लोगों के साथ धरने पर बैठे रहे।
रूटीन की कार्रवाई है, पहले नोटिस दिए थे
उधर, बोर्ड के संबंधित अधिकारी का कहना था कि अवैध निर्माण गिराना उनकी रूटीन की कार्रवाई है। इसके लिए पहले सर्वे किया जाता है व लोगों को स्वयं अवैध निर्माण गिराने के नोटिस भी दिए जाता है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नेता अतिक्रमण हटाने के समय में परिवर्तन चाहते थे तो तब अनुरोध कर सकते थे जब लोगों को नोटिस देने शुरू किए गए थे।