Edited By Priyanka rana,Updated: 23 Apr, 2020 09:46 AM
चंडीगढ़ प्रशासन ने 24 अप्रैल से कर्फ्यू के समय में ढील देने में तबदीली कर दी है। अब प्रशासन ने गर्मी के चलते दुकानें सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक खुला रखने का समय तय किया है।
चंडीगढ़(साजन) : चंडीगढ़ प्रशासन ने 24 अप्रैल से कर्फ्यू के समय में ढील देने में तबदीली कर दी है। अब प्रशासन ने गर्मी के चलते दुकानें सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक खुला रखने का समय तय किया है। अब तक यह समय सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक था।
वॉर रूम में बुधवार शाम को हुई मीटिंग के दौरान प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने मोहाली व पंचकूला प्रशासन को आदेश दिया कि वह अपने इलाकों में सख्ताई बरतें ताकि कोरोना के संक्रमण से पूरी ट्राइसिटी को बचाया जा सके ।
इंटर्न्स का स्टाइफंड दोगुना किया :
प्रशासन ने मैडिकल कॉलेज में काम करने वाले इंटर्न्स का स्टाइफंड 300 रूपए से बढ़ाकर 600 रूपए प्रतिदिन कर दिया है। प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में जो इंटर्न्स सेवाएं दे रहे हैं उन्हें अब प्रतिमाह 18000 रूपए स्टाइफंड के तौर पर मिलेंगे। यह एक अप्रैल से लागू कर दिया गया है।
एंटी डेंगू ऑपरेशन चलाने को कहा :
एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि डोर टू डोर स्क्रीनिंग ऑप्रेशन के दौरान उन्होंने एम.सी. टीम को एंटी डेंगू ऑप्रेशन चलाने व फ्लू सर्विलांस करने को कहा है। उन्होंने कहा कि लोगों से अपील की गई है कि वह डेंगू पनपने के कारणों पर भी नजर रखें और पब्लिक में मास्क लगाकर ही पहुंचे।
गर्भवती महिलाएं हो रही परेशान :
लॉकडाउन के बीच गर्भवती महिलाओं को डॉक्टरी जांच के लिए खूब जद्दोजहद करनी पड़ रही है। मोहाली की गर्भवती महिला उमा का कहना है कि वे 9 महीने की गर्भवती है। उन्हें महसूस हो रहा था जैसे उनके गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कनें बढ़ गई हैं इसलिए वह चंडीगढ़ में अपनी गाइनीकोलॉजिस्ट के पास जाना चाहती थी परंतु चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें ऐसी हालत में भी पहले तो जाने से रोका और जब उन्होंने डॉक्टर की फाइल दिखाई तो उन्होंने जाने दिया।
उमा ने कहा कि वह 9 महीने से चंडीगढ़ की डॉक्टर के पास चैकअप करवा रही है, अब मोहाली की किसी गाइनीकोलॉजिस्ट के पास कैसे चली जाएं जी.एम.एस.एच.-16 के गाइनीकोलॉजी विभाग की एच.ओ.डी. डॉ अमनदीप कंग का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेशों के बाद ही अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के टैस्ट शुरू किए जाएंगे।
लक्षणों के बगैर भी टैस्ट करना हुआ अब जरूरी :
पी.जी.आई. के डायरेक्टर प्रो. जगतराम का कहना है कि पहले कोरोना टैस्ट सिर्फ बुखार और खांसी करने वाले के किए जा रहे थे परंतु अब लक्षणों के बगैर भी टैस्ट करना जरूरी होता जा रहा है।
पी.जी.आई. में प्रत्येक सर्जरी और हर भर्ती से पहले पेशेंट के कोरोना टैस्ट किए जाएंगे। आई.सी.एम.आर. के निर्देश गर्भवती महिलाओं के टैस्ट की बात कर रहे हैं तो उनकी भी डिलीवरी से पहले जांच की जाएगी।