Edited By pooja verma,Updated: 05 Dec, 2019 12:54 PM
पिछले 5 साल से बैड पर रहने को मोहताज श्याम शायद पैरों पर चलते को अब सपने में भी नहीं देख पा रहा है।
चंडीगढ़ (पाल): पिछले 5 साल से बैड पर रहने को मोहताज श्याम शायद पैरों पर चलते को अब सपने में भी नहीं देख पा रहा है। भागना दौडऩा अब मुशिकल सा लग रहा है। एकलौता बेटा जहां मां-बाप का सराहा बनने की सोच रहा था वहीं अब मां-बाप इलाज के लिए अपना सबकुछ दाव पर लगा चुके हैं कि बेटा एक बार फिर अपने पैरों पर चल सके। 42 साल के जनक चौरसिया पिछले 4 साल से अपने बेटे का इलाज पी.जी.आई. से करवा रहे हैं।
खेतीबाड़ी थी जिसे बेच दिया। अब छोटा मोटा काम कर खर्चा निकाल रहे हैं। आज तो हम हंै तो इसका ख्याल कर रहे हैं अगर ठीक न हुआ तो श्याम का क्या होगा। यही सोचकर जिंदगी जी रहे हैं। 5 साल पहले 19 साल के श्याम को घर में खेलते वक्त घुटने में चोट लगी थी। बिहार के इस परिवार ने डाक्टर को दिखाया तो उसने ऑप्रेशन को कहा। लेकिन से श्याम की दिक्कतें ज्यादा बढ़ गईं।
डाक्टर ने घुटने की बजाय जांघ का ऑप्रेशन कर दिया। एक महीने में पैर में पस बनने लगी। इंफैक्शन इतना बढ़ गया कि उसे बोन टी.बी. हो गया। बिहार से पी.जी.आई. रैफर किया। 18 महीने टी.बी. की दवाई खाई। टी.बी. तो ठीक हो गई। लेकिन कुल्हे समेत 4 ज्वाइंट्स टूटने के साथ ही बैड पर रहने को मोहताज हो गया। पिछले साल ही कुल्हे का ऑप्रेशन हुआ। अब डाक्टर ने घुटने का ऑप्रेशन बोला है। परिवार की आंखों में उम्मीद जगी है कि बेटा एक बार फिर पैरों पर खड़ा हो सकेगा।
लेकिन घुटने बदलने के लिए 1 लाख से ज्यादा का खर्च डाक्टरों ने बताया है। अगर कोई श्याम की मदद करना चाहता है तो इस नंबर 8581829307 व 9473411521 या एस.बी.आई. के अकाऊंट जनक चौरसिया, 36894086132 आई.एफ.एस.सी.,एस.बी.आई.एन.0001524 में मदद कर सकता है।