Edited By pooja verma,Updated: 28 Aug, 2018 02:15 PM
बिटक्वाइन में इंवेस्टमैंट के नाम 12 करोड़ की ठगी करने वाला सरगना अमित भारद्वाज दुबई में बैठकर ही लोगों के रुपए इंवेस्ट करवाता था।
चंडीगढ़ (सुशील): बिटक्वाइन में इंवेस्टमैंट के नाम 12 करोड़ की ठगी करने वाला सरगना अमित भारद्वाज दुबई में बैठकर ही लोगों के रुपए इंवेस्ट करवाता था। ठगी का शिकार हुए चंडीगढ़ के सभी लोगों को अमित भारद्वाज ने दुबई बुलाया था। वह दुबई को सेफ मानता था। चंडीगढ़ से ठगे गए 12 लोग अमित भारद्वाज के झांसे में आकर दुबई भी गए थे।
वहां पर अमित चंडीगढ़ के लोगों को बिटक्वाइन की जानकारी देने के लिए सेमीनार भी करवाता था। सेमीनार में कई ऐसे लोगों से मिलवाता था, जिन्होंने बिटक्वाइन के जरिए करोड़ों कमाए हुए हैं। लोगो को विश्वास दिलाने के बाद वह उनसे ठगी करता था।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि उसने बिटक्वाइन में रुपए इंवेस्टमैंट करवाने के लिए लोगों की चेन बना रखी थी। अमित भारद्वाज की चेन में शामिल लोग कमीशन के लिए आगे लोगों से बिटक्वाइन में इंवेस्टमैंट करवाते थे।
पुलिस ने बताया कि अमित भारद्वाज ने 1997 में चंडीगढ़ स्थित एक स्कूल में पढ़ाई कर चुका है। पढ़ाई के दौरान उसकी कई लोगों से पहचान हुई थी। उन लोगों के जरिए ही अमित भारद्वाज ने चंडीगढ़ के अन्य लोगों से करोड़ों की ठगी की है।
सरगना समेत दो 6 दिन के रिमांड पर, दो को भेजा जेल
आरोपी अमित भारद्वाज, उसके भाई विवेक भारद्वाज, पंकज अदलखा और हेमंत भोपे को साइबर सैल ने चार दिन का रिमांड खत्म होने के बाद सोमवार को सी.जे.एम. की कोर्ट में पेश किया।
पुलिस ने अमित भारद्वाज और पंकज अदलखा का आठ दिन का पुलिस रिमांड मांगा। जिला अदालत ने दोनों को छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया, जबकि पंकज भारद्वाज और हेमंत भोपे को अदालत ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस ने मांगा 8 दिन रिमांड, दलील दी आरोपी को पकडऩे मनाली जाना है, लैंड स्लाइडिंग भी हो सकती है
आठ दिन का पुलिस रिमांड लेने के लिए सरकारी वकील ने अदालत में दलील दी कि अमित भारद्वाज और पंकज अदलखा की निशानदेही पर गिरोह के पांच ओर सदस्यों को पकडऩा है, जिनमें एक आरोपी दिल्ली, दो गुडग़ांव, एक नोएडा और एक मनाली में छिपा हुआ है।
पुलिस ने कहा कि लैंड स्लाइडिंग की वजह से मनाली आने-जाने में समय लग सकता है। इसके अलावा पुलिस ने गिरोह के सरगना अमित भारद्वाज की निशानदेही पर कंप्यूटर सर्वर का भी पता लगाना है। इस सर्वर के जरिए ही आरोपी बिटक्वाइन की खरीद फरोख्त करता था।
बचाव पक्ष के वकील ने आठ दिन का रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि उक्त दोनों का पुलिस पहले ही चार दिन का रिमांड ले चुकी है। पुलिस के पास कोई रिमांड का कोई ठोस आधार नहीं है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों को छह दिन के रिमांड पर भेज दिया।