स्काडा सैंटर की बिल्डिंग का काम पूरा हफ्ते के अंदर कंपनी को सौंपेगा विभाग

Edited By Priyanka rana,Updated: 30 Sep, 2019 01:10 PM

smart grid project

प्रशासन ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत सैक्टर-18 में स्काडा सैंटर बनाने के लिए बिल्डिंग का काम पूरा कर लिया है।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : प्रशासन ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत सैक्टर-18 में स्काडा सैंटर बनाने के लिए बिल्डिंग का काम पूरा कर लिया है। अब सप्ताह के अंदर ही कंपनी को आगे सैंटर स्थापित करने के लिए ये बिल्डिंग हैंडओवर कर दी जाएगी। साथ ही चार सैक्टरों और छह गांवों में 30 हजार मीटर लगाने के पायलट प्रोजैक्ट पर भी काम शुरू हो  जाएगा, क्योंकि स्मार्ट मीटर्स की पहले ही इंस्पेक्शन की जा चुकी है। 

स्काडा सैंटर के अंडर ही पूरे स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट की ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग होनी है। 1.70 करोड़ रु पए की लागत से इलैक्ट्रिकल, सिविल और पब्लिक हैल्थ का काम लगभग पूरा कर लिया है। इस संबंध में यू.टी. सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर सी.डी. सांगवान ने बताया कि उन्होंने यहां पर बिल्डिंग का काम लगभग पूरा कर लिया है और जल्द ही कंपनी को ये बिल्डिंग पूरा स्काडा सिस्टम बनाने के लिए हैंडओवर कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि नवम्बर तक वह पायलट प्रोजैक्ट का काम पूरा कर लेंगे। इसके लिए कंपनी को भी जल्द काम पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। 

ऑटोमैटिक होगी मॉनीटरिंग, बिजली चोरी का लग जाएगा पता :
पूरा स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट बिजली विभाग में सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजेशन (सकाडा) से ही कंट्रोल होना है। स्काडा से ये फायदा होगा कि इसके कंट्रोल रूम में बैठा कर्मचारी किसी भी कंज्यूमर की कंजप्शन ज्यादा होने पर बिजली कट लगा देगा। साथ ही उसे मैसेज भी देगा। 

वहीं इसमें लाइन टूटने या फॉल्ट का भी पता लगता रहेगा। सकाडा से ही संबंधित एस.डी.ओ. को डायरैक्शन होगी। इसमें एरिया के उपभोक्ता की बिजली चली जाने पर दूसरे सब स्टेशन से सकाडा के कंप्यूटराइज सिस्टम से ऑटोमैटिक जोड़ी जाएगी। स्मार्ट मीटर का कंट्रोल बिजली विभाग के ऑफिस में होगा, बिलिंग भी सकाडा रूम से ही जैनरेट हो सकेगी। 

सैक्टर-18 में बुक डिपो और स्टेशनरी बिल्डिंग में ये सैंटर बनाया जा रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी ने ही इसमें सभी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाना है। स्मार्ट मीटर लगने से बिजली चोरी का पता सकाडा में कंप्यूटर पर बैठे कर्मचारी को लग सकेगा। 

पूरे प्रोजैक्ट के अंदर होना है ये काम :
स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट के तहत पायलट प्रोजैक्ट के अंडर प्रशासन ने चार सैक्टरों और 6 गांवों में 30 हजार स्मार्ट मीटर लगाने हैं। ये कुल 28 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट है, जिसका काम नवम्बर तक पूरा किया जाना है। 

इसके अलावा पूरे शहर में प्रशासन ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजैक्ट 241 करोड़ रुपये में पूरा करना है। प्रशासन ने 260 करोड़ रुपए की इस प्रोजैक्ट के लिए मांग की थी, लेकिन मिनिस्ट्री ने पिछले वर्ष 241 करोड़ की मंजूरी दी थी। 

एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का दिया नाम :  
पायलट प्रोजैक्ट के तहत सभी उपभोक्ताओं के पुराने मीटर स्मार्ट मीटर से बदले जाने हैं, जिसे एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर नाम दिया गया है। इसके तहत बिजली की सभी लाइन अंडर ग्राऊंड करने के साथ ही सब स्टेशन और सप्लाई नेटवर्क मजबूत किया जाना है। 

प्रशासन ने गत वर्ष जुलाई में रूरल इलैक्ट्रीफिकेशन कार्पोरेशन लिमिटेड (आर.ई.सी.एल.) को इसका काम भी अलॉट किया था, जिसने तीन बार प्रयास के बाद ही आगे एक कंपनी फाइनल की है। 

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