Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Jun, 2018 09:34 AM
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन शहर की सभी सरकारी इमारतों में सोलर प्लांट लगाने की मुहिम में जुटा हुआ है।
चंडीगढ़(विजय) : मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से दिए गए लक्ष्य को पूरा करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन शहर की सभी सरकारी इमारतों में सोलर प्लांट लगाने की मुहिम में जुटा हुआ है।
अब इसके लिए गवर्नमैंट मैडीकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जी.एम.सी.एच.) सैक्टर-32 की छत पर अब सोलर फोटोवॉल्टिक पावर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। यह प्लांट ग्रिड कनैक्टिड होगा। यानि जरूरत की बिजली हॉस्पिटल में इस्तेमाल होने के बाद बाकी बची हुई बिजली को ग्रिड में भेजा जा सकेगा।
चंडीगढ़ रिन्यूअबल एनर्जी एंड साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) की ओर से यह प्रोजैक्ट तैयार किया जा रहा है। जी.एम.सी.एच.-32 के ए., बी., सी. और डी. ब्लॉक में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। सभी ब्लॉक की छतों में 400 किलोवॉट के पैनल लगेंगे। लगभग 2.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अधिकारियों के अनुसार कंपनियों से 27 जून तक बिड मंगवाई गई है। कंपनी को कांट्रेक्ट अलॉट होने के बाद उसे 5 महीनों के भीतर कंप्लीट करना होगा।
2022 तक 50 मैगावाट का लक्ष्य :
एम.एन.आर.ई. द्वारा पहले ही चंडीगढ़ को सोलर एनर्जी के लिए एक और लक्ष्य दिया जा चुका है। इसके अंतर्गत चंडीगढ़ को 2022 तक 50 मैगावाट सोलर एनर्जी जनरेट करनी होगी। मौजूदा समय में चंडीगढ़ अपने सभी प्रोजैक्ट्स के जरिए 16 मैगावाट सोलर एनर्जी हासिल करने में कामयाब रहा है।
प्रशासन की प्लानिंग है कि जल्द से जल्द पटियाला की राव में प्रस्तावित सोलर प्लांट को बनाने का काम शुरू कर दिया जाए। यह काम पहले क्रेस्ट को करना था लेकिन बजट अधिक होने की वजह से अब इसे इंजीनियरिंग विभाग को सौंप दिया गया है।