Edited By Priyanka rana,Updated: 29 Nov, 2019 12:10 PM
शहर की रैजीडैंशियल और नॉन रैजीडैंशियल बिल्डिंगों में सोलर पॉवर प्लांट लगाने को लेकर एक बार फिर से चंडीगढ़ प्रशासन ने डेट बढ़ा दी है। अब शहरवासी 31 मार्च, 2020 तक अपने घरों में सोलर पावर प्लांट लगा सकेंगे।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : शहर की रैजीडैंशियल और नॉन रैजीडैंशियल बिल्डिंगों में सोलर पॉवर प्लांट लगाने को लेकर एक बार फिर से चंडीगढ़ प्रशासन ने डेट बढ़ा दी है। अब शहरवासी 31 मार्च, 2020 तक अपने घरों में सोलर पावर प्लांट लगा सकेंगे।
इस संबंध में चीफ एडमिनिस्ट्रैटर यू.टी. अजोय कुमार सिन्हा द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि प्रशासन ने अपने निर्देशों में कहा है कि ये अंतिम एक्सटैंशन मानी जाए, क्योंकि बाद प्रशासन द्वारा कोई एक्सटेंशन नहीं दी जाएगी।
10 हजार घरों पर आदेश होते हैं लागू :
इस संबंध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि एक बार फिर से सोलर पैनल लगाने के लिए प्रशासन की ओर से डेट बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा को देखते हुए ही ये फैसला लिया गया है, ताकि अधिकतर लोग अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवा सकें।
बता दें कि वर्ष 2016 में प्रशासन ने 500 गज या इससे अधिक प्लॉट एरिया वाले लोगों को अपने घरों में सोलर पावर प्लांट लगाना अनिवार्य कर दिया था। शहर में इस एरिया के 10 हजार के करीब घर हैं, जिन पर ये आदेश लागू होते हैं। मिनिस्ट्री ने भी शहर में रिस्पांस को देखते हुए सोलर पावर को लेकर टारगेट बढ़ा दिया है, जिसके चलते ही प्रशासन को पैनल लगवाने को लेकर और प्रयास करने पड़ रहे हैं।
आदेश न मानने पर नोटिस जारी किया जाएगा :
जो लोग प्रशासन के इन आदेशों की पालना नहीं करेंगे और तय डेट के अंदर सोलर पैनल नहीं लगाएंगे, उन्हें प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा। इसके बाद ही ऐसे सभी लोगों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। एक किलोवाट का सोलर प्लांट लगाने पर पर महज 60 हजार रुपए का खर्च है। इसमें भी सरकार की ओर से 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
यानि तीन किलोवाट का अगर कोई पैनल लगवाता है तो उस पर 1 लाख 80 हजार रुपए का कुल खर्च आएगा और इसमें से 40 प्रतिशत यानि 58 हजार रुपए की सब्सिडी वापस मिल जाएगी। प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक काफी लोगों ने अपने घरों में सोलर पैनल लगा लिए हैं लेकिन अभी ऐसे कई घर बाकी हैं, जिन्होंने बार-बार मौका देने के बावजूद सोलर पैनल नहीं लगवाए हैं।