Edited By bhavita joshi,Updated: 12 Jun, 2019 11:26 AM
शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और सभी शहर के गरीब बच्चों को शिक्षा देने के लिए आने वाले समय में एक सराहनीय कदम उठाया जाएगा।
चंडीगढ़(वैभव): शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और सभी शहर के गरीब बच्चों को शिक्षा देने के लिए आने वाले समय में एक सराहनीय कदम उठाया जाएगा। यू.टी. शिक्षा विभाग की ओर से शहर के स्लम एरिया और पैराफेरी में चल रहे 70 के करीब स्कूलों की मान्यता को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन को एक रिपोर्ट सौंपी गई है।
इस जांच रिपोर्ट के आधार पर चंडीगढ़ में चल रहे 75 स्कूल सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। जबकि 120 के करीब ऐसे स्कूल हैं जो कि बिना मान्यता के चलाए जा रहे हैं। इन गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके इसके लिए प्रशासन की तरफ से स्कूलों को जल्द ही मान्यता दी जा सकती है।
अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर की जांच
कुछ समय पहले पैराफेरी इलाकों में चल रहे इन स्कूलों में बच्चों को किस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं और वर्तमान में इन स्कूलों की क्या स्थिति है और इनमें पढ़ाई का स्तर कैसा है आदि बातों को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी खुद स्कूलों की इंस्पैक्शन कर चुके हैं। उसके बाद कई स्कूलों से संबंधित जानकारी मांगी गई थी। यदि स्कूल जरूरी शर्तों को समय पर पूरा कर लेते हैं तो इन्हें मान्यता मिल सकती है।
स्कूलों की रिपोर्ट सौंपी गई प्रशासक को
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने इंस्पैक्शन के बाद गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों से जरूरी जानकारी मांगी है। इसमें स्कूल में पढ़ाने वाले स्टाफ की शैक्षणिक योग्यता, स्कूल परिसर का दायरा, अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता, पानी और बिजली की सुविधा, ट्रांसपोर्ट की सुविधा सहित टीचर्स को मिलने वाली सैलरी तक का ब्यौरा विभाग ने स्कूलों से मांगा हुआ था। इसे स्कूल 24 मई तक विभाग को जमा करा चुके हैं। इन शर्तों को पूरा करने वाली रिपोर्ट तैयार करके अब यूटी प्रशासक को सौंपी जा चुकी है।
रैजीडैंशियल एरिया में चल रहे स्कूलों पर भी होगा विचार
शिक्षा विभाग की टीमों ने शहर के स्लम और कालोनियों में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की भी इंस्पैक्शन की है। इसमें से कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर स्कूलों की सुविधाएं स्टूडैंट्स के हित की हंै और उनके पास टीचिंग स्टाफ भी शैक्षणिक योग्यता को पूरा करता है। लेकिन इनमें से कई स्कूल ऐसे हैं, जो रैजीडैंशियल एरिया में चल रहे हैं, जिस कारण प्रशासन इन्हें मान्यता देने से पहले एक बार विचार कर रहा है।
करीब 20 हजार स्टूडैंट्स कर रहे हैं पढ़ाई
शिक्षा विभाग की टीमों द्वारा की गई इंस्पैक्शन में पाया गया है कि 120 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में बीस हजार स्टूडैंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। यदि यह स्कूल बंद हो जाते हैं तो बच्चों के लिए एजुकेशन बहुत मुश्किल हो जाएगी। इसका कारण उस एरिया के स्कूल में पहले से ही स्टूडैंट्स की भरमार है। इसके अलावा कुछ एरिया ऐसे भी हैं जहां पर स्कूल तीन किलोमीटर से दूर हैं और वहां पर आने-जाने के लिए कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में स्टूडैंट्स मजबूरी में उन स्कूलों का सहारा ले रहे हैं।
यू.टी. प्रशासक की मंजूरी का इंतजार
शिक्षा विभाग की इंस्पैक्शन और स्कूलों द्वारा जरूरी जानकारी उपलब्ध कराने के बाद फाइल तैयार करके प्रशासन के आला अधिकारियों को भेजी गई है। विभागीय सूत्रों की माने तो स्कूलों को मान्यता देने का अंतिम फैसला यू.टी. प्रशासक के स्तर पर होगा। इसके लिए जल्द ही बैठक की जाएगी। हालांकि प्रशासन के ज्यादातर अधिकारी स्कूलों को मान्यता देने के पक्ष में हैं।