Edited By pooja verma,Updated: 24 Sep, 2019 12:28 PM
चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट के आसपास हुए अतिक्रमण और आऊटर सड़क बनाने के मामले में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी।
चंडीगढ़ (हांडा): चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट के आसपास हुए अतिक्रमण और आऊटर सड़क बनाने के मामले में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हो रही थी, जिनकी सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति हो चुकी है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा ने सुनवाई के वक्त कहा कि चूंकि उन्हें इस मामले की अधिक जानकारी नहीं है, इसलिए खंडपीठ का हिस्सा रहे जस्टिस अरुण पल्ली को बैंच का हिस्सा बनाकर बुधवार को सुनवाई करेंगे। जस्टिस अरुण पल्ली चीफ जस्टिस के साथ बैंच का हिस्सा थे, जो कि एयरपोर्ट मामले की सुनवाई करते आ रहे हैं।
औपचारिकताएं पूरी करने को कहा
इससे पहले पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर बताया था कि सरकार ने वर्ष 2011 के बाद एयरपोर्ट के दायरे में हुए निर्माण कार्यों को चिन्हित करने के लिए कमेटी गठित की थी, जिसने 98 निर्माणों को चिन्हित किया है। इन्हें गिराने को लेकर कोई संशय नहीं है। वर्ष 2008 व 2011 के केंद्र की ओर से जारी नोटीफिकेशन के बीच 20 व वर्ष 2008 से पहले पभात एरिया में 198 निर्माण चिन्हित किए गए हैं। \
जिन्हें गिराने से पहले एक्ट के तहत कंपनसेशन देनी होगी, जिसे निर्धारित करने के लिए समय लगेगा। बिना कंपनसेशन दिए उक्त 218 निर्माणों को नहीं गिराया जा सकता। कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में जल्द ही औपचारिकताएं पूरी करने को कहा है। वहीं जगतपुरा में जिन 10 निर्माणों को चिन्हित किया गया था वह भी 2008 से पहले के हैं, जिन्हें गिराने के लिए ग्माडा अंतिम फैसला करेगा।