Edited By Priyanka rana,Updated: 16 Jan, 2019 12:58 PM
खेल विभाग सुखना लेक के रोइंग कोचिंग सैंटर को आधुनिक उपकरणों से लैस करने की बात कर रहा है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
चंडीगढ़(लल्लन) : खेल विभाग सुखना लेक के रोइंग कोचिंग सैंटर को आधुनिक उपकरणों से लैस करने की बात कर रहा है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। इस सैंटर पर अभ्यास करने वाले वाटर स्पोर्ट्स खिलाडिय़ों के पास इक्विपमैंट्स ही नहीं हैं। खेल विभाग सिर्फ कागजों में ही सैंटरों को बेहतर बनाने की बात करता है। वहीं, खेल विभाग की ओर से रोइंग सैंटर में खिलाडिय़ों को अभी तक मोटर बोट नहीं मिल सकी है।
यही नहीं, खिलाडिय़ों को एक साथ अभ्यास करना पड़ जाए तो इनके पास चप्पु तक नहीं हैं। सुखना लेक के रोइंग सैंटर में रोजाना तकरीबन 70 खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए पहुंचते हैं। हालांकि लेक के खिलाड़ी इन दिनों सी.आर.पी.एफ. के मोटर बोट का प्रयोग कर रहे हैं।
इस मोटर बोट का यह फायदा होता है कि कोच रोइंग एरिया में जाकर खिलाडिय़ों को जानकारी दे सके। इसके साथ ही मोटर बोट का आपातकालीन समय में भी प्रयोग किया जा सकता है। वहीं, खेल विभाग के अधिकारी का दावा है कि जल्द ही खिलाडिय़ों को मोटर बोट मिल जाएगी।
पी.यू. की बोट्स पर भी निर्भर क्याकिंग व क्नोइंग के खिलाड़ी :
सुखना रोइंग सैंटर में क्याकिंग व क्नोइंग इवैंट के भी खिलाडिय़ों को ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसे में इन खिलाडिय़ों को अभ्यास करने के लिए पी.यू. की बोट्स पर निर्भर रहना पड़ता है। दोनों वर्ग की बात की जाए तो क्याकिंग में 20 खिलाड़ी तथा क्नोइंग में 35 खिलाड़ी अभ्यास करते हैं।
2018 में विदेशी मोटर बोट का इंजन खरीदने का था प्रोपोजल :
अधिकारियों के अनुसार अगस्त 2018 में 3 लाख में विदेशी मोटर बोट का इंजन खरीदने की बात चली थी। इसके बाद यह प्रोपोजल भी ठंडे बस्ते में चला गया।
विभाग खरीदेगा 24 चप्पू :
सुखना रोइंग सैंटर में तकरीबन 100 के करीब रोजाना खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। इन खिलाडिय़ों को अभ्यास करने के लिए चप्पु ही उपलब्ध नहीं हैं। जानकारी के अनुसार विभाग के पास 24 चप्पु खरीदने का प्रोपोजल बनाकर भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कहा कि कोच की तरफ से कुछ इक्विपमैंट्स के लिए प्रोपोजल आया है।