Edited By bhavita joshi,Updated: 12 Jun, 2019 01:55 PM
इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आई.एस.एफ.आर.) की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ का फॉरैस्ट कवर एरिया 0.1 स्क्वेयर किलोमीटर कम हुआ है।
चंडीगढ़(विजय गौड़) : इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आई.एस.एफ.आर.) की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ का फॉरैस्ट कवर एरिया 0.1 स्क्वेयर किलोमीटर कम हुआ है। इसका कारण शहर में तेजी से हो रही डिवैल्पमैंटल एक्टिविटीज को बताया गया है। इस रिपोर्ट के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर की ग्रीनरी को बढ़ाने का प्रोसैस और तेज कर दिया है। मंगलवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए यू.टी. के फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की ओर से तैयार किया गया ग्रीनिंग चंडीगढ़ एक्शन प्लान यू.टी. के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने रिलीज किया।
इस एक्शन प्लान में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान शहर में लगभग 2.52 लाख पौधे लगाए जाएंगे। प्लान में बताया गया है कि 1991 में शहर में वाहनों की संख्या 2,58,843 थी, जो कि 2018 में बढ़कर लगभग 11.82 लाख हो गई, इसलिए एयर पॉल्यूशन को रोकने और शहर की ग्रीनरी को बढ़ाने के लिए इस साल पौधों की सर्वाइवल परसैंटेज पर भी फोकस रखा जाएगा।
पंजाब और हरियाणा की तुलना में शहर की एम्बियंट एयर क्वालिटी बेहतर
पंजाब और हरियाणा की तुलना में शहर की एम्बियंट एयर क्वालिटी बेहतर है। सल्फर ऑक्साइड (एस.ओ.-2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (एन.ओ.एक्स.) लेवल भी परमिसेबल लिमिट में है। हालांकि साल में कई बार पी.एम.-10 और पी.एम.-2.5 का लेवल तय सीमा से अधिक हो जाता है। एक्शन प्लान के अंतर्गत इस साल कई कदम उठाए जा रहे हैं।
2018-19 में शहर की ग्रीनिंग एजैंसीज ने 2.43 लाख पौधे लगाने के टारगेट को अचीव किया है। इस मौके पर चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार मनोज परिदा, प्रिंसिपल सैक्रेटरी फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ ए.के. गुप्ता, वित्त सचिव अजय कुमार सिंहा, सी.सी.एफ. देबेंद्र दलाई, कंजर्वेटर ऑफ फॉरैस्ट टी.सी. नौटियाल और डी.सी.एफ. अब्दुल कय्यूम भी मौजूद थे।
2001 में तैयार हुआ था पहला प्लान, अब हर साल होता है तैयार
2015 तक शहर की जनसंख्या 15 लाख के करीब थी, जबकि 2016 तक शहर में व्हीकल्स की संख्या 10.9 लाख हो चुकी थी। जनसंख्या के साथ-साथ व्हीकल्स की संख्या भी तेजी से बढऩे से एयर पॉल्यूशन लैवल में भी इजाफा हुआ है, जो कि ग्रीनिंग एजैंसीज के लिए एक बड़ा चैलेंज है। पॉल्यूशन की प्रॉब्लम से निपटने के लिए और शहर की ग्रीनरी को बढ़ाने के लिए ग्रीनिंग टास्क ग्रुप ने पहली बार 2001 में ग्रीनिंग चंडीगढ़ एक्शन प्लान तैयार किया था। इसके बाद से हर साल शहर का ग्रीनिंग एक्शन प्लान तैयार किया जाता है।
इस तरह बढ़ा शहर का ग्रीन कवर एरिया
2001 26 प्रतिशत
2003 35 प्रतिशत
2005 35.7 प्रतिशत
2009 38.8 प्रतिशत
2011 37.7 प्रतिशत
2013 38.4 प्रतिशत
2015 40.73 प्रतिशत
2017 41.11 प्रतिशत
इन नर्सरी से लें मुफ्त में पौधे
अम्बाला-चंडीगढ़ नैशनल हाईवे में स्थित हल्लोमाजरा नर्सरी, रेलवे स्टेशन के पीछे फॉरैस्ट रैस्ट हाऊस की नर्सरी, किशनगढ़ नर्सरी, पटियाला की राव में बनी फॉरैस्ट नर्सरी, लेक क्लब के पास, सैक्टर-23 की सरकारी नर्सरी, सैक्टर-29 की प्लांट नर्सरी और बोटेनिकल गार्डन सारंगपुर से औषधीय पौधे मिल सकते हैं।
कैमरे में कैद होंगी गतिविधियां
डिपार्टमैंट ऑफ फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ ने हाल ही में सैंक्चुरी में ट्रेल कैमरे लगाने का प्रोसैस शुरू कर दिया है। जिससे कि इस रीजन में वाइल्ड लाइफ की गतिवधियों को बिना किसी डिस्टरबेंस के कैमरों में कैद किया जा सके। इन कैमरों की खासियत यह है कि इन्हें ऑप्रेट करने के लिए किसी कर्मचारी की जरूरत नहीं होगी। ये कैमरे वाइल्ड लाइफ फ्रैंडली हैं जो अपने आप ही फोटो कैप्चर कर सकते हैं। यही नहीं, रात के समय आधुनिक टैक्नोलॉजी की मदद के बिना किसी फ्लैश के ये फोटो खींच सकते हैं, जिससे कि डिपार्टमैंट वाइल्ड लाइफ की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
बुक में पढि़ए कौन-सा प्लास्टिक है बैन
इस मौके पर बदनौर ने ‘सिंगल यूज प्लास्टिक एंड पॉलिथीन बैन इन चंडीगढ़’ शीर्षक से तैयार की गई पिक्टोरियल गाइडबुक भी रिलीज की। डिपार्टमैंट ऑफ एनवायर्नमैंट की ओर से तैयार की गई इस बुक में बताया गया है कि चंडीगढ़ में कौन से प्लास्टिक आइट स बैन हैं और किनको परमीशन दी गई है। जिससे कि लोगों को इस बात की जानकारी हो कि किन प्लास्टिक आइट स का इस्तेमाल नहीं करना है।
47 लाख पेड़ों जितनी सोलर एनर्जी
ग्रीनिंग चंडीगढ़ एक्शन प्लान में बताया गया है कि 31 मार्च तक शहर से 63.03 एम.यू. सोलर एनर्जी जैनरेट हो रही है, जिससे कि 43491 मीट्रिक टन कार्बन डाईऑक्साइड कम हो रही है। यह एनर्जी इतनी है, जितने कि शहर में 47.14 लाख पौधे लगाए गए हों। चंडीगढ़ में हर साल 2 लाख से अधिक पौधे लगाए जाते हैं, जबकि सोलर एनर्जी के जरिए एक तरह से हर साल 3.5 लाख पौधे लग रहे हैं। एम.एन.आर.ई. ने चंडीगढ़ को 2022 तक 68 मैगावॉट सोलर एनर्जी जैनरेट करने का टारगेट दिया है। इसमें से क्रैस्ट ने अभी तक 28.373 मैगावॉट पीक ग्रिड कनैक्टिड रूफटॉप सोलर प्लांट्स लगा लिए हैं। सरकारी बिल्डिंग्स की बात की जाए तो अभी तक 261 साइट्स में सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं, जिनमें से 17.981 मैगावॉट पीक सोलर एनर्जी जनरेट हो रही है। वहीं,1474 प्राइवेट बिल्डिंग्स से 10.881 मैगावॉट पीक एनर्जी हासिल की जा रही है।
सरकारी ईमारतों में लग चुके हैं 260 सोलर प्लांट्स
इंस्टीट्यूशन सिस्टम कैपेसिटी (किलोवॉट पीक)
सरकारी कॉलेज 14 2990
सरकारी अस्पताल 5 740
सरकारी स्कूल 81 3005
अन्य सरकारी बिल्डिंग 82 11038
सरकारी आवास 78 198
धनास लेक 1 10
आम की गुठलियां एकत्रित करेगा फॉरैंस्ट डिपार्टमैंट
चंडीगढ़ का फॉरेस्ट डिपार्टमेंट अब रैजिडैंट्स से आम की गुठलियों को भी एकत्रित करेगा। इसका मकसद लोगों को पौधारोपण अभियान से जोडऩा और पर्यावरण की सुरक्षा करना है। लोगों को बस इतना करना है कि आम खाने के बाद उनकी गुठलियों को सुखाकर एक बॉक्स में रख लें। डिपार्टमैंट की एक टीम आपके घर से इन गुठलियों को एकत्रित करेगी। डिपार्टमैंट के कर्मचारी इन गुठलियों को संभालकर रखेंगे। गुठलियों से जितने भी पौधे निकलेंगे, उन्हें अगले साल प्लांटेशन ड्राइव के दौरान इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए डिपार्टमैंट ने सारंगपुर गांव के बोटेनिकल गार्डन में तीन डिब्बे भी रखे हैं।
पौधे लगाने के लिए यह रहेगी कंडीशन
-पौधारोपण साइट की लोकेशन।
-मिट्टी, ग्राऊंड वाटर लेबल सहित अन्य साइट की कंडीशन देखी जाएगी।
-रेनफॉल और तापमान को भी पहले चैक किया जाएगा।
-सजावटी और सौंदर्य के हिसाब से कहां कौन से पौधे लग सकते हैं?
-पॉल्यूशन लैवल की पहले जांच की जाएगी।
-रैजिडैंशियल बिल्डिंग्स और सार्वजनिक सेवाओं से प्लांटेशन ड्राइव की दूरी।
सर्वाइवल परसैंटेज सुधारने के लिए ये प्रयास होंगे
-साइट की प्रॉपर सिलैक्शन।
-पौधों की प्रजातियों का चयन।
-नर्सरी में स्वस्थ पौधे तैयार किए जाएंगे।
-प्लांटेशन के लिए स्वस्थ और लंबे पौधे चुने जाएंगे।
-पशुओं से पौधों को बचाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
-पौधारोपण के तीन वर्ष बाद तक उनकी मैंटिनेंस की जाएगी और पर्याप्त पानी दिया जाएगा।
ग्रीनिंग के लिए इन एरिया को चुना गया
-सुखना वाइल्ड सैंक्चुरी में आम, जामुन, अमरूद, इमली, आमला और गुलर सहित अन्य फलदार पौधे लगेंगे।
-स्वदेशी पौधे और झाडिय़ों को सैंक्चुरी के प्लेन एरिया में लगाया जाएगा।
-लेक रिजर्व फॉरैस्ट में भी प्लांटेशन ड्राइव चलेगी।
-सुखना चो रिजर्व फॉरैस्ट और पटियाला की राव रिजर्व फॉरेस्ट को भी चुना गया है।
-नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग के अंतर्गत आने वाले पार्क और ग्रीन बैल्ट्स में पौधे लगेंगे।
-निगम और इंजीनियरिंग विभाग की सड़कों ओर ग्रीन बैल्ट।
-दक्षिणी सैक्टर्स पर विशेष फोकस रखा जाएगा।
102 एन.जी.ओ. की ली जाएगी मदद
चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पार्टनरशिप इनिशिएटिव प्रोग्राम (पी.आई.पी.) को लांच किया गया है। पी.आई.पी. का मुख्य मकसद लोगों को डिपार्टमैंट की गतिविधियों के बारे में जागरुक करना है। पी.आई.पी. के तहत ट्री प्लांटेशन के लिए 102 गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) फॉरेस्ट डिपार्टमैंट के साथ रजिस्टर्ड किए गए हैं। जो कि प्लांटेशन के साथ-साथ शहर के लोगों में जागरुकता फैलाने का काम भी करेंगे।