Edited By pooja verma,Updated: 19 Jun, 2019 01:09 PM
स्ट्रे डॉग्स के हमले से हो चुकी मौतों और समाज के लिए खतरा बने स्ट्रे डॉग्स से छुटकारे को लेकर वर्ष 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका एस.एल.पी. नंबर 691 दाखिल हुई थी।
चंडीगढ़ (हांडा): स्ट्रे डॉग्स के हमले से हो चुकी मौतों और समाज के लिए खतरा बने स्ट्रे डॉग्स से छुटकारे को लेकर वर्ष 2009 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका एस.एल.पी. नंबर 691 दाखिल हुई थी।
इसमें एनीमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया को पार्टी बनाते हुए स्ट्रे डॉग्स का शिकार हुए लोगों ने इनसे सुरक्षा की मांग की थी जोकि अभी तक पैंडिंग है। डॉग बाइट का शिकार हुए एक बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने दाखिल की थी।
इस पर रोजाना सुनवाई की मांग को लेकर संगरूर के डाक्टर ए.एस. मान, हिसार के डा. संदीप गुप्ता, लुधियाना के गगनदीप त्रिखा, बनूड़ के करणवीर शैंटी, चंडीगढ़ के एस.एम. भनोट व याचिकाकर्ता एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने संयुक्त रूप से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने अपील की है कि प्राथमिकता के आधार पर पैंडिंग याचिका पर सुनवाई कर जजमैंट दी जाए ताकि लोगों को स्ट्रे डॉग्स की दहशत ने निजात मिल सके।