Edited By Priyanka rana,Updated: 05 Aug, 2019 08:17 AM
पी.जी.आई. रैजीडैंट डाक्टरों ने देर रात एडमिनिस्ट्रेशन के साथ चली मीटिंग के बाद स्ट्राइक कैंसल कर दी।
चंडीगढ़(पाल) : पी.जी.आई. रैजीडैंट डाक्टरों ने देर रात एडमिनिस्ट्रेशन के साथ चली मीटिंग के बाद स्ट्राइक कैंसल कर दी। सोमवार को ओ.पी.डी. रुटीन की तरह जारी रहेगी। इससे पहले एम्स के डाक्टरों ने भी रविवार शाम को स्ट्राइक खत्म कर दी थी। एम्स के डाक्टरों ने हैल्थ मिनिस्टर से मुलाकात की, जिसके बाद वे काम पर लौटे हैं।
ए.आर.डी.(एसोसिएशन ऑफ रैजीडेंट डाक्टर्स) के प्रैजीडैंट डा. उत्तम ठाकुर के मुताबिक पी.जी.आई. एडमिनिस्ट्रेशन ने भरोसा दिया है कि पी.जी.आई. ए.आर.डी. व दूसरे आर.डी.ए. की मीटिंग हैल्थ मिनिस्टर से करवाएंगे। इसके बाद उन्होंने स्ट्राइक करने का फैसला वापस लिया है।
उन्हें भरोसा दिया गया है कि एन.एम.सी.-बिल को लेकर होने वाले प्रोसैस में पी.जी.आई. ए.आर.डी को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही ए.आर.डी. ने कहा कि अगर उनकी डिमांड पूरी नहीं होती तो वे दोबारा स्ट्राइक कर सकते हैं।
8 को आई.एम.ए. की स्ट्राइक :
एन.एम.सी. बिल को लेकर आई.एम.ए. ने फैसला लिया है कि वह 8 अगस्त को ऑल इंडिया लैवल पर स्ट्राइक करेगी। इस दौरान सभी तरह की मैडीकल सॢवसेस बंद रहेंगी।
एमरजैंसी में 35 मौतें :
रविवार को पी.जी.आई. एमरजैंसी में मरने वाले मरीजों का आंकड़ा 35 तक रहा। शनिवार रात 12 बजे से रविवार देर रात तक 35 मरीजों की मौत हुई, जिसमें 31 नॉन एम.एल.सी. और 4 एम.एल.सी. केस रहे।
स्ट्राइक के कारण एमरजैंसी में फैकल्टी को स्पैशल तैनात किया गया था। रैजीडैंट की गैर मौजूदगी से एमरजैंसी मरीजों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। रुटीन में भी एमरजैंसी में मरने वालों की संख्या 35 व 40 तक रहती है।
सिर्फ 22 सर्जरी :
डाक्टरों की स्ट्राइक का सबसे ज्यादा असर एमरजैंसी व ट्रॉमा सैंटर में होने वाली सर्जरी पर पड़ा। रूटीन में पी.जी.आई. एमरजैंसी और ट्रॉमा सैंटर में 40 के करीब माइनर व मेजर सर्जरी होती हैं, लेकिन रविवार को महज 22 सर्जरी ही हो पाई। इससे पहले शनिवार को स्ट्राइक के पहले दिन 30 सर्जरी हुई थी। वहीं शनिवार देर रात 2 सर्जरी ही हुई।
एमरजैंसी में भीड़ :
रोजाना जहां एमरजैंसी व ट्रॉमा में 120 तक मरीजों का आंकड़ा रहता है, वहीं स्ट्राइक के दूसरे दिन एमरजैंसी ओ.पी.डी. में 185 मरीज आए। ट्रॉमा में 22 नए मरीज एडमिट किए गए।
तो हो जाती दिक्कत :
शनिवार को डाक्टरों ने स्ट्राइक की जिसकी वजह से 3 हजार मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा। शनिवार को आमतौर पर ओ.पी.डी. मरीजों का आंकड़ा भी 7 हजार तक रहता है, ऐसे में ज्यादा मरीजों पर इसका असर नहीं पड़ा। अगर स्ट्राइक कैसंल न होती तो सोमवार को मरीजों को ज्यादा दिक्कत रहती है क्योंकि सोमवार से शुक्रवार मरीजों का 10 हजार तक रहता है।