Edited By bhavita joshi,Updated: 24 Jul, 2019 10:32 AM
सुखना के आसपास 565 एकड़ के एरिया को वैटलैंड घोषित किया गया है।
चंडीगढ़(साजन शर्मा) : सुखना के आसपास 565 एकड़ के एरिया को वैटलैंड घोषित किया गया है। सुखना के कैचमैंट एरिया को कानून के मुताबिक जोन ऑफ इनफ्लुएंस माना गया है। मीटिंग में बताया गया कि सुखना कैचमैंट का एरिया 10,395 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 2525 एकड़ का एरिया हरियाणा और 684 एकड़ का एरिया पंजाब का पड़ता है।
सुखना वैटलैंड की बनी टैक्नीकल कमेटी की संस्तुति पर वैटलैंड और कैचमैंट एरिया में उन एक्टीविटीज का ब्यौरा भी पेश किया गया, जो सुखना वैटलैंड और इसके कैचमैंट में नहीं की जा सकती। पंजाब एवं हरियाणा को इसमें संपूर्ण सहयोग करने को कहा गया, ताकि सुखना के अस्तित्व पर कोई खतरा न पैदा हो।
बदनौर ने दिया इकोलॉजिकिल बैलेंस मैंटेन करने पर जोर
चंडीगढ़ वैटलैंड अथॉरिटी की यू.टी. प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर की अध्यक्षता में राजभवन में मीटिंग हुई, जिसमें सुखना लेक को वैटलैंड कंजर्वेशन एंड मैनेजमैंट रूल 2017 के तहत वैटलैंड घोषित किया गया। बदनौर ने सुखना की वैटलैंड के तौर पर महत्ता और इकोलॉजिकिल बैलेंस मैंटेन करने पर जोर दिया। उन्होंने पंजाब व हरियाणा को यू.टी. के साथ इस मसले पर हाथ से हाथ मिलाकर चलने की सलाह दी ताकि सुखना लेक के अस्तित्व को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब व हरियाणा को भी सुखना लेक की वजह से कई फायदे मिल रहे हैं।
इन एक्टिविटीज पर रोक
- कोई नई इंडस्ट्री नहीं लग सकती, पुरानी की एक्सपैंशन नहीं हो सकती।
- कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकती।
- स्टोरेज इत्यादि के लिए गोदाम स्थापित नहीं हो सकता। मैन्युफैक्चरिंग की एक्टिविटी नहीं हो सकती।
- वेस्ट मैटीरियल या गारबेज नहीं गिराया जा सकता।
- सुखना में सीधे सीवरेज नहीं गिराया जा सकता।
- इको सैंसटिव जोन होने की वजह से तेज ध्वनि में म्यूजिक नहीं बजाया जा सकता।
- जानवरों का शिकार नहीं किया जा सकता।
- मछली नहीं पकड़ी जा सकती।
पंजाब-हरियाणा और यू.टी. के अफसर रहे मौजूद
मीटिंग में यू.टी. प्रशासन के अलावा केंद्रीय पर्यावरण, फॉरैस्ट एंड क्लाइमेट चेंज, वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट आफ इंडिया, देहरादून, हरियाणा व पंजाब के अधिकारी शामिल हुए। मीटिंग में एडवाइजर मनोज परिदा, प्रिंसिपल होम सैक्रेटरी अरुण कुमार गुप्ता, फाइनैंस सैक्रेटरी अजोय कुमार सिन्हा, एडीशनल चीफ सैक्रेटरी फॉरैस्ट, पंजाब संजय कुमार, एडीशनल चीफ सैक्रेटरी, फॉरैस्ट, हरियाणा आलोक निगम, चीफ कंजर्वेटर आफ फॉरैस्ट हरियाणा वी.एस. तंवर, मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमैंट, फॉरैस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के एडीशनल डायरैक्टर जनरल सी.डी. सिंह समेत अन्य अफसर मौजूद रहे।