Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 10:21 AM
सुखना लेक के संरक्षण के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने वेटलैंड अथॉरिटी का गठन कर दिया है। इसके बाद अब इंतजार हो रहा है अथॉरिटी की पहली मीटिंग का। जिसमें सुखना लेक की प्रिजर्वेशन को लेकर कई अहम फैसले हो सकते हैं।
चंडीगढ़(विजय) : सुखना लेक के संरक्षण के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने वेटलैंड अथॉरिटी का गठन कर दिया है। इसके बाद अब इंतजार हो रहा है अथॉरिटी की पहली मीटिंग का। जिसमें सुखना लेक की प्रिजर्वेशन को लेकर कई अहम फैसले हो सकते हैं।
उम्मीद की जा रही है कि लेक के आसपास के हिस्से में कुछ बदलाव किए जाने को मंजूरी दी जा सकती है। खासकर लेक में और इसके कैचमैंट एरिया में कई प्रकार की गतिविधियों पर विराम लगा सकता है। मिनिस्ट्री ऑफ एन्वायरमैंट एंड फॉरैस्ट से सुखना लेक को नोटिफाई वेटलैंड घोषित करने के बाद इसी तरह के कई बदलाव किए जा सकते हैं।
दरअसल, वेटलैंड घोषित होने के बाद यहां एन्वायरमैंटल प्रोटैक्शन एक्ट लागू हो चुका है। इसमें से सबसे बड़ा बदलाव यह हो सकता है कि सुखना लेक को केवल नैचुरल वाटर रिसोर्स से ही भरना होगा। इसके साथ ही कैचमैंट एरिया की सभी अवैध कंस्ट्रक्शन पर भी पूरी तरह से रोक लग जाएगी। यही नहीं, एक्ट के तहत जो भी पाबंदियां लगाई गई हैं यहां लागू हो जाएंगी।
1992 में प्रशासन ने वेटलैंड घोषित किया था :
इससे पहले चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से 1992 में सुखना लेक को वेटलैंड घोषित किया गया था। हालांकि तब प्रशासन ने यह फैसला अपने स्तर पर लिया था, लेकिन मिनिस्ट्री की नजरों में उस नोटिफिकेशन की कोई वैल्यू नहीं है। जिस कारण लेक के सामने आ रही परेशानियों का कोई ठोस तरीके से समाधान नहीं निकल पा रहा है। मिनिस्ट्री की ओर से नोटिफाई वेटलैंड घोषित होने के बाद लेक को बेहतर तरीके से संरक्षित किया जा सकेगा।
अगले सप्ताह हो सकती है पहली मीटिंग :
सुखना लेक की प्रिजर्वेशन के लिए प्रशासन ने वैटलैंड अथॉरिटी बना दी है। जिसकी पहली मीटिंग अगले सप्ताह तक हो सकती है। जो अथॉरिटी बनाई गई है उसमें प्रशासक को चेयरमैन बनाया गया है। अथॉरिटी ही वेटलैंड की प्रिजर्वेशन के लिए सभी फैसले लेगी। हालांकि कमर्शियल एक्टिविटी पर कितना प्रतिबंध लगेगा यह आने वाली मीटिंग में ही तय हो पाएगा।