लाल डोरे के भीतर भले ही निर्माण कैचमैंट एरिया में हों, वो अवैध कैसे?

Edited By Priyanka rana,Updated: 04 Mar, 2020 09:29 AM

sukhna catchment area

हाईकोर्ट ने सुखना कैचमैंट एरिया के दायरे में हुई कंस्ट्रक्शन गिराने का फैसला तो दे दिया लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले पर अभी कई सवाल और जवाब हैं।

चंडीगढ़(साजन) : हाईकोर्ट ने सुखना कैचमैंट एरिया के दायरे में हुई कंस्ट्रक्शन गिराने का फैसला तो दे दिया लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले पर अभी कई सवाल और जवाब हैं। प्रशासन की दलील है कि लाल डोरे में जो मकान हैं और अगर वह सुखना कैचमैंट एरिया में भी पड़ रहे हैं तो इनको किसी सूरत में नहीं गिराया जाएगा। लाल डोरे की सीमा भी तो कानून के तहत ही तय हुई है। 

लाल डोरे में मकान बनाने की परमिशन होती है अन्यथा लाल डोरे का मतलब ही क्या है? चंडीगढ़ प्रशासन के आला अफसर दलील दे रहे हैं कि लाल डोरा तय करने की भी एक प्रक्रिया है। विभिन्न गांवों में इस लाल डोरे के भीतर जो निर्माण हैं, वह चाहे कैचमैंट एरिया में हों या नहीं, इन्हें अवैध कैसे ठहराया जा सकता है। इन्हें कैसे गिराया जा सकता है? हाईकोर्ट के फैसले का जब उन्हें हवाला दिया गया तो उन्होंने केवल इतना जवाब दिया कि लाल डोरे के बाहर के जो निर्माण हैं और कैचमैंट एरिया में हैं, उन पर आदेशों के मुताबिक कार्रवाई होगी।

लाल डोरे के बाहर निर्माणों को गिराया था :
चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन 13 गांव हैं, जहां लाल डोरे की प्रक्रिया लागू होती है। प्रशासन ने लाल डोरे की सीमा तय करने के लिए एरियल सर्वे कराया था। वर्ष 2012 तक किए गए इस एरियल सर्वे में जो निर्माण लाल डोरे के भीतर थे, उन्हें नियमित जबकि जो लाल डोरे से बाहर थे उन्हें अवैध माना गया था। लाल डोरे के बाहर हुए इस निर्माण को बीते दिनों में गिराने की कार्रवाई भी कुछ जगह चली थी हालांकि इस कार्रवाई पर भी आरोप लगे कि यह गरीब लोगों पर की गई और इसमें पारदर्शिता नहीं बरती गई।

वर्ष 2000 या इससे भी पहले बने हैं कुछ मकान :
हाईकोर्ट के निर्णय को लेकर लोग भी सवाल उठा रहे हैं। लोगों की दलील है कि उन्होंने वर्ष 2000 या इसके कुछ समय बाद यहां रहने के लिए मकान बनवा लिए थे। जमीन की रजिस्ट्रियां सरकार और प्रशासन की ओर से की गई हैं। बिजली-पानी के कनैक्शन दिए गए हैं। 

नक्शे पास होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन के अधीन 13 गांवों में पहले तो पंचायत हुआ करती थी। केवल लाल डोरे की सीमा पंचायत के अधीन मानी जाती थी। हाल ही में ये 13 गांव निगम के अधीन कर दिए गए हैं। अब यहां नक्शे नगर निगम पास करेगा। पहले से जो निर्माण लाल डोरे के भीतर हैं, उन्हें अवैध कैसे ठहराया जा सकता है? भले ही ये निर्माण सुखना के कैचमैंट एरिया में हों, अब गांवों को थोड़ी उजाड़ा जा सकता है? 

सीमा बढ़ाए जाने का कोई प्रस्ताव फिलहाल नहीं :
लाल डोरे की सीमा को बढ़ाए जाने को लेकर प्रशासन के आला अफसरों से जब पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल उनके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पर आगामी दिनों में अगर कोई फैसला होता है तो वह उसके अनुरूप काम करेंगे। उन्होंने इस पर भी संशय जताया कि लाल डोरे की सीमा बढ़ाई भी जा सकती है या नहीं?

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