Edited By Priyanka rana,Updated: 29 Aug, 2018 10:19 AM
सुखना के गिरते जलस्तर को लेकर वर्ष 2009 में हाईकोर्ट की ओर से स्वयं संज्ञान लेकर शुरू किए केस में पंचकूला नगर निगम कमिश्नर को अगली सुनवाई पर पेश होने के आदेश दिए हैं।
चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : सुखना के गिरते जलस्तर को लेकर वर्ष 2009 में हाईकोर्ट की ओर से स्वयं संज्ञान लेकर शुरू किए केस में पंचकूला नगर निगम कमिश्नर को अगली सुनवाई पर पेश होने के आदेश दिए हैं।
वहीं, मामले में एफिडैविट पेश करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने 20 अगस्त को समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लिया, जिसमें कहा गया था कि सीवरेज का पानी सकेतड़ी (हरियाणा) के कैचमैंट एरिया से होकर सुखना में जा रहा है। इसी संबंधी क मिश्नर को जवाब पेश करने को कहा गया है।
वहीं, सुखना कैचमैंट एरिया में कथित रूप से हो रहे निर्माण को लेकर भी जवाब देने को कहा है। हाईकोर्ट ने ऐसे किसी भी निर्माण पर रोक लगा रखी है। वहीं, लेक पर आवारा कुत्तों के मामले में चंडीगढ़ प्रशासन ने जवाब में कहा कि कार्रवाई चल रही है और अगली सुनवाई पर विस्तृत रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। अगली सुनवाई 13 सितम्बर को होगी।
हरियाणा सरकार की सफाई, सकेतड़ी से सुखना में नहीं गिर रहा सीवरेज वाटर :
हरियाणा के सरकारी काऊंसिल ने बताया कि यू.टी. के कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट संतोष कुमार ने खबर में बयान दिया था कि सुखना में सकेतड़ी की ओर से सीवरेज का पानी आ रहा है।
इस पर हरियाणा सरकार के काऊंसिल ने सफाई पेश करते हुए कहा कि 3 अगस्त को सरकार ने एफिडैविट में स्पष्ट किया था कि सकेतड़ी की तरफ से सीवरेज का कोई पानी सुखना चो में नहीं जा रहा है।
मानसून में पानी ओवरफ्लो :
सीवरेज पानी को रोक ने के लिए ड्रेन में सरकार ने 4 डैम बनाए हैं। वहीं, मानसून में पानी ओवरफ्लो हो रहा है और उसे रोकने के लिए भी सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं। ऐसे में सीवर के पानी को किसी भी सूरत में सुखना में नहीं जाने दिया जा रहा।
सकेतड़ी गांव में सीवर ड्रेन ले आऊट की जा रही है और फॉरैस्ट कैचमैंट एरिया में तीन चैक डैम्स हैं जिन्हें साफ करवाया गया है। उस एफिडैविट को लेकर संबंधित खबर में कुछ नहीं कहा गया। ऐसे में सरकार ने संतोष कुमार द्वारा खबर में दी गई स्टेटमैंट को गलत बताया गया है।