Edited By Priyanka rana,Updated: 04 Feb, 2019 01:45 PM
सुखना लेक में माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या कम होने के बाद यू.टी. के फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट ने अपने इन विदेशी मेहमानों के लिए अलग से एक आशियाना बनाने का काम शुरू कर दिया है।
चंडीगढ़(विजय) : सुखना लेक में माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या कम होने के बाद यू.टी. के फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट ने अपने इन विदेशी मेहमानों के लिए अलग से एक आशियाना बनाने का काम शुरू कर दिया है। सुखना लेक से थोड़ी दूरी पर ही बनाए गए नगर वन में माइग्रेटरी बर्ड्स के लिए फ्रैश वाटर बॉडी को तैयार किया गया है।
हालांकि अभी इस एरिया में माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या उम्मीद के अनुसार नहीं है लेकिन डिपार्टमैंट को उम्मीद है कि आगामी सीजन में यह एरिया प्रवासी पक्षियों के ठहरने के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन के तौर पर सामने आएगा।
इस साल सुखना लेक के वाटर लेवल के बढऩे से दूर देशों से आने वाली माइग्रेटरी बर्ड्स के लिए सुखना लेक में फीडिंग की समस्या बढऩे लगी है। इसकी वजह से डिपार्टमैंट ने नगर वन में फ्रैश वाटर बॉडी को तैयार किया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार फ्रैश वाटर बॉडी इस तरह से बनाई गई है जहां प्रवासी पक्षियों के फीडिंग का भी पूरा प्रबंध किया जा रहा है।
बर्ड वाचर्स के लिए बनाए टैंपरेरी शेड :
बर्ड वाचिंग के दौरान टूरिस्ट को भी कोई परेशानी न आए और न ही पक्षियों की प्राइवेसी पर कोई अड़चन हो इसके लिए डिपार्टमैंट ने सिटी फॉरेस्ट में ही अलग-अलग जगहों पर टैंपरेरी शेड्स बनाए हैं।
ये शेड्स चारों ओर से कवर हैं, जहां पर बैठकर लोग आसानी से पक्षियों को देख सकते हैं। हालांकि डिपार्टमैंट की प्लानिंग है कि जल्द ही इन टैंपरेरी शेड के जगह कैबिन बनाए जा सकें।
साल दर साल घट रही संख्या :
फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट और चंडीगढ़ बर्ड क्लब की ओर से पिछले कुछ वर्षों से बर्ड स्पीशिज काऊंट और वाटर फोल सैंसेस करवाया जा रहा है। 2016 के सैंसिज में जहां 850 प्रवासी और डोमेस्टिक पक्षियों का आंकड़ा दर्ज किया गया था, वह 2017 में घटकर 696 रह गया था।
वहीं, नवम्बर 2018 में सुखना लेक, सुखना फॉरेस्ट और नगर वन में हुए सैंसस के दौरान 417 वाटर फाऊल ही दर्ज किए गए। इनमें माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या और भी कम है।