अब सुखना लेक के पानी से नहीं सींचे जाएंगे पौधे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Apr, 2018 11:09 AM

sukhna will not be cultivated by lake water

गर्मियां शुरू होते ही एक बार फिर चंडीगढ़ प्रशासन के सामने सुखना लेक का जलस्तर परेशानी का सबब बन रहा है।

चंडीगढ़ (विजय): गर्मियां शुरू होते ही एक बार फिर चंडीगढ़ प्रशासन के सामने सुखना लेक का जलस्तर परेशानी का सबब बन रहा है। हालांकि जलस्तर को कम करने में खुद प्रशासनिक अधिकारियों का भी हाथ है। दरअसल सुखना लेक के पानी से ही यहां लगाए गए सैकड़ों पौधों और पेड़ों की सिचाईं की जा रही थी लेकिन अब इस मामले पर सैक्रेटरी इंजीनियरिंग अजॉय कुमार सिन्हा ने अपने ऑफिसर्स के लिए सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। 

 

सैक्रेटरी इंजीनियरिंग की ओर से कहा गया है कि भविष्य में सुखना लेक का पानी का किसी भी अन्य काम के लिए इस्तेमाल न किया जाए। दरअसल अभी तक तो इंजीनियरिंग विभाग के हॉर्टिकल्चर विंग द्वारा सरेआम लेक के पानी का इस्तेमाल यहीं लगाए गए पेड़ों और पौधों के लिए किया जा रहा था। सप्ताह में कभी-कभी तो तीन बार लेक में बने सुसाइड प्वाइंट पर मोटर लगाकर पानी खींचकर पौधों में डाला जा रहा था। 

 

इस मोटर में पाइपें फिट करके पानी की सप्लाई लेक में लगाए गए हजारों पौधों तक पहुंचाई जा रही है लेकिन अब तापमान बढऩे के साथ ही सुखना का जलस्तर भी तेजी से कम होगा। ऐसे में पहले ही अधिकारियों ने इस संकट के बारे में ऑफिसर्स को साफतौर पर वार्निंग दे दी है। 

 

डेढ़ घंटे तक निकाला जा रहा है पानी
पंप से पानी निकलने का प्रैशर इतना अधिक होता है कि लेक में पानी निकालने के लिए लगाए गए हर पाइप तक पानी एक ही समय में आसानी से पहुंच जाता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक घंटे में सुखना लेक का वाटर लेवल कितना गिर सकता है। विभाग की ओर से पौधों को पानी देने के लिए सप्ताह में दो से तीन बार लेक का सहारा लिया जाता है। एक समय में लगभग एक से डेढ़ घंटे तक पानी निकाला जा रहा है। 
 

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