Edited By Priyanka rana,Updated: 24 May, 2019 11:14 AM
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से दिए गए टारगेट को पूरा करने के लिए अब चंडीगढ़ रिन्यूअबल एनर्जी एंड साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) की ओर से सभी मौजूदा खाली स्पेस का इस्तेमाल किया जाएगा।
चंडीगढ़(विजय) : मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअबल एनर्जी (एम.एन.आर.ई.) की ओर से दिए गए टारगेट को पूरा करने के लिए अब चंडीगढ़ रिन्यूअबल एनर्जी एंड साइंस एंड टैक्नोलॉजी प्रोमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) की ओर से सभी मौजूदा खाली स्पेस का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए उन सरकारी इमारतों की छतों पर फोकस रखा गया है जहां सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं।
दरअसल मिनिस्ट्री की ओर से चंडीगढ़ को 2022 तक 69 मेगावाट सोलर एनर्जी जनरेट करने का टारगेट दिया गया है। जिसके लिए सबसे पहले क्रेस्ट ने सरकारी ईमारतों के जरिए सोलर एनर्जी का टारगेट अचीव करने पर अपना फोकस रखा है। क्रेस्ट द्वारा सभी विभागों की खाली छतों पर प्लांट लगाने की प्लानिंग की गई है। केवल सरकारी बिल्डिंग्स ही नहीं बल्कि सरकारी आवासों की छतों पर भी सोलर पैनल लगाने का काम चल रहा है।
एम.एन.आर.ई. की ओर से चंडीगढ़ को मॉडल सोलर सिटी डिक्लेयर करने के साथ-साथ एक और टारगेट भी दिया गया है। मिनिस्ट्री द्वारा 2017 में निर्देश जारी करते हुए चंडीगढ़ को 100 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी पावर्ड के तौर पर डिवैल्प करने का फैसला लिया गया है। यही वजह है कि चंडीगढ़ प्रशासन शहर के सभी खाली स्पेस का इस्तेमाल करने की तैयारी में है, जहां पर सोलर प्रोजैक्ट लगाया जा सके।
कंज्यूमर्स कर रहे पॉलिसी बनाने की डिमांड :
यू.टी. के इलैक्ट्रिसिटी डिपार्टमैंट के लाखों कंज्यूमर्स डिमांड कर रहे हैं कि सोलर पॉवर पर एक अलग से टैरिफ पॉलिसी तैयार की जानी चाहिए जिससे कि शहर में सोलर को प्रोमोट करने में मदद मिल सके। अगर यह पॉलिसी बनती है तो मिनिस्ट्री के टारगेट को हासिल किया जा सकता है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कुछ नए प्रोजैक्ट्स से शहर को अधिक सोलर पॉवर मिल सकती है।
पटियाला की राव का प्रोजैक्ट अधूरा :
शहर का सबसे बड़ा सोलर प्रोजैक्ट अभी भी यू.टी. प्रशासन के ऑफिसर्स की फाइलों में बंद है। 2015 में चंडीगढ़ प्रशासन ने पटियाला की राव में सोलर प्रोजैक्ट शुरू करने की योजना बनाई थी। जिसके लिए बकायदा पूरी प्लानिंग भी कर ली गई थी। लेकिन अभी भी यह प्राजैक्ट शुरू नहीं हो पाया। अगर यह पूरा होता है तो इससे लगभग 25 मेगावाट सोलर एनर्जी चंडीगढ़ को मिलेगी।