Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jun, 2018 08:16 AM
यू.टी. प्रशासन द्वारा बुधवार को जे.बी.टी.-टी.जी.टी. भर्ती प्रक्रिया के तहत 2015 में हुई सभी नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश पर वीरवार को कैट ने रोक लगा दी।
चंडीगढ़(संदीप) : यू.टी. प्रशासन द्वारा बुधवार को जे.बी.टी.-टी.जी.टी. भर्ती प्रक्रिया के तहत 2015 में हुई सभी नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश पर वीरवार को कैट ने रोक लगा दी। वीरवार को 344 शिक्षकों ने प्रशासन के आदेश के खिलाफ कैट में केस दायर कर दिया।
जस्टिस एम.एस. सुल्लर और न्यायिक सदस्य पी गोपीनाथ की बैंच ने मामले में सुनवाई करते हुए शिक्षकों को बिना एक महीने का नोटिस जारी कर सीधा बर्खास्त करने के आदेश जारी करने को उनके कानूनी अधिकारों का हनन मानते हुए प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी है।
यू.टी. प्रशासन और शिक्षा विभाग को 6 जुलाई के लिए नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। जस्टिस एम.एस. सुल्लर ने यू.टी. काऊंसिल से सवाल किया कि प्रशासन ने सभी शिक्षकों को बिना एक महीने का नोटिस दिए बिना कैसे निकाल दिया? वह भी भारत के नागरिक हैं। प्रशासन कैसे उनके कानूनी अधिकारों को अनदेखा कर सकता है?
एच.सी.एस. पेपर लीक से केस का लेना-देना नहीं :
सभी शिकायतकर्ता एस.आई.टी. के समक्ष पेश होकर जांच भी ज्वाइन कर चुके हैं। एस.आई.टी. ने सभी के अपने स्तर पर टैस्ट भी लिए थे। इसमें वह सभी पास भी हो गए थे और उन्हें जांच टीम से क्लीन चिट मिल चुकी थी।
इसके बावजूद उन्हें बिना कोई नोटिस दिए और बिना किसी कारण एकाएक नौकरी से हटा दिया। एडवोकेट सिद्घू ने ट्रिब्यूनल के समक्ष दलील दी कि पुलिस और प्रशासन ने इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के लिए हरियाणा सिविल सर्विस (ज्यूडिशियल) पेपर लीक को आधार बनाया है जबकि एच.सी.एस. पेपर लीक मामले का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
यू.टी. काऊंसिल बोला-प्रशासन को है अधिकार :
यू.टी. की ओर से पेश हुए काऊंसिल ने ट्रिब्यूनल को बताया कि सभी शिक्षकों का प्रोबैशन पीरियड बढ़ा दिया गया था। इसके बाद प्रशासन और शिक्षा विभाग ने प्रशासक के आदेश के बाद पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला भी दिया, जिसके तहत विशेष परिस्थितियों में प्रशासन ऐसा फैसला ले सकता है।
शिक्षकों के वकील ने दी यह दलील :
शिक्षकों की ओर से पेश हुए एडवोकेट डॉ. अनमोल रत्तन सिद्धू ने दलील दी कि शिक्षा विभाग ने 1150 जे.बी.टी., टी.जी.टी. और एन.टी.टी. की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। 850 शिक्षकों ने ज्वाइन किया था। चंडीगढ़ पुलिस ने जुलाई, 2016 में पंजाब विजीलैंस की शिकायत के आधार पर जे.बी.टी.-टी.जी.टी. भर्ती में धांधली पर केस दर्ज किया था। स्पैशल इन्वैस्टिगेशन टीम इसकी जांच कर रही है।
मामले में कई आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और पुलिस जांच अभी चल रही है। ऐसे में जांच टीम की संस्तुति के आधार पर प्रशासन ने उक्त शिक्षकों को बर्खास्त किया है जो कानून अनुचित है। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं में से किसी का भी नाम एफ.आई.आर. में नहीं था। जांच टीम की ओर से भर्ती धांधली में जिला अदालत में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है। इनमें एक भी शिक्षक का नाम नहीं है।