Edited By pooja verma,Updated: 18 Sep, 2018 02:22 PM
बच्चों को नशे और अपराध से दूर रखने के लिए चंडीगढ़ पुलिस अब टीचरों की मदद लेगी।
चंडीगढ़ (सुशील): बच्चों को नशे और अपराध से दूर रखने के लिए चंडीगढ़ पुलिस अब टीचरों की मदद लेगी। नशा करने वाले बच्चों को पहचानने के लिए चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस मुम्बई स्थित एस.पी.वाई.एम., डॉन बोस्को रिसर्च सैंटर की मदद से चंडीगढ़ के टीचरों को ट्रेनिंग दे रही है। यह दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम सैक्टर-29 स्थित ट्रैफिक पुलिस लाइन में आयोजित हुआ, जिसमें 45 सरकारी स्कूलों की टीचर्स पहुंचे।
ट्रेनिंग कार्यक्रम में नशा करने वाले छात्रों की पहचान करने के लिए टीचरों को जानकारी दी गई। कार्यक्रम का उद्घाटन एस.एस.पी. विजय जगदले ने किया। उन्होंने बताया कि 12 से 18 साल के बच्चे नशे और अपराध की दलदल में धंस रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में अगर बच्चे द्वारा नशा करने का पता चल जाए तो उस पर अंकुश लगाया जा सकता है। बच्चों को नशे से दूर करने के लिए पुलिस उचित कदम उठा रही है।
एस.पी.वाई.एम. के टीम लीडर मुनीष कुमार ने बताया कि स्कूली बच्चे नशीली दवाइयों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस नशा करने वाले बच्चों का पता लगते ही उन्हें नशे की दलदल से निकालेगी। उनके जरिए पुलिस नशा बेचने वाले तस्करों की पहचान कर जेल में पहुंचाएगी।