नया सैशन शुरू होते ही बच्चों को दी जाएंगी पाठ्य पुस्तकें

Edited By bhavita joshi,Updated: 18 Jan, 2019 01:29 PM

textbooks will be given to children as soon as the new session begins

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन मनोहरकांत कलोहिया के प्रयत्नों के चलते बच्चों को नए शैक्षिक सैशन से पहले पाठ्य-पुस्तकें मिल जाएंगी।

मोहाली(नियामियां): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन मनोहरकांत कलोहिया के प्रयत्नों के चलते बच्चों को नए शैक्षिक सैशन से पहले पाठ्य-पुस्तकें मिल जाएंगी। शिक्षा बोर्ड द्वारा पाठ्य-पुस्तकों का प्रबंध पहले किया जा चुका है। पाठ्य-पुस्तकों की छपाई जोर-शोर से चल रहा है। बहुत-सी किताबें बोर्ड ने पहले ही छपवाई हुई हैं। सैशन के शुरू होते जरूरत अनुसार विद्यार्थियों के हाथों तक यह पुस्तकें पहुंचाई जा सकें। शिक्षामंत्री ओम प्रकाश सोनी की ओर से रुचि लेकर कागज की खरीद की गई है। यह कागज बोर्ड के पास पहुंच चुका है। नई किताबों की पहली खेप सोमवार तक बोर्ड में पहुंच जाएगी।

उत्तर पुस्तिकाओं में बढ़ाए गए 4 पन्ने
कलोहिया ने बताया कि जिन प्रिंटिंग प्रैसों को किताबें छापने के लिए ठेका दिया गया है उनको अपनी, प्रैसों पूरी सामथ्र्य अनुसार चलाने के लिए कहा गया है। इस बार जो प्रिंटर समय पर किताबें छाप कर नहीं देंगे उनसे यह काम लेकर तेजी के साथ छापने वाले प्रिंटरों को दिया जाएगा। तेजी के साथ किताबें छापने वाले प्रिंटरों का इनाम होगा। जो प्रिंटर निर्धारित समय में किताबें छाप कर नहीं देंगे, बोर्ड उनको आगे के लिए काम न देने बारे भी सोच सकता है। उत्तर कापियों के लिए इस बार बेहतरीन कागज लगाया जा रहा है, जिससे उत्तर लिखने के समय पैन की स्याही पन्नों के दूसरे तरह न फैल सके। उन्होंने बताया कि पिछले समय दौरान विद्यार्थियों की तरफ से उत्तर कापियों और स्याही फैलने की शिकायतें बोर्ड को मिली हैं, जिनको देखते हुए यह फैसला लिया गया है। कलोहिया ने बताया कि उन विषयों के लिए उत्तर कापियों में चार पन्ने बढ़ाए गए हैं, जिनके लिए विद्यार्थियों को ज्यादा लिखना पड़ता है। विशेष विषयों के लिए उत्तर कापियों के पन्नों में चार पन्नों की वृद्धि की गई है। 

महंगा कागज खरीदा गया
सूत्रों के अनुसार पिछली बार जो कागज बोर्ड को 54 हजार मीट्रिक टन के हिसाब से मिला था, वो इस बार 75 हजार मीट्रिक टन की दर से खरीदा गया है। शिक्षा बोर्ड को 8 हजार मीट्रिक टन सालाना कागज की जरूरत पड़ती है, लेकिन इस बार 6 हजार मीट्रिक टन कागज खरीदा जा रहा है। रेट की दरों में अचानक इतना ज्यादा वृद्धि होने का कारण शिक्षा बोर्ड में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बार शिक्षामंत्री ने खुद यह सारा कागज अपनी निगरानी में खरीदा। शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन महंगा कागज खरीदने संबंधित स्पष्टीकरण देते हुए बताया है कि पहले बड़ी संख्या में री-साइकिल कागज खरीद लिया जाता था, जिसकी क्वालिटी बुरी होती थी, इस बार फ्रेश पल्प वर्जन कागज खरीदा गया है। 

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