Edited By bhavita joshi,Updated: 19 Nov, 2018 12:56 PM
नगर निगम हाऊस की मीटिंग में कई एजैंडों पर मोहर लगती है।
मोहाली (राणा): नगर निगम हाऊस की मीटिंग में कई एजैंडों पर मोहर लगती है। लेकिन उन पर अमल करने की बात करें तो फिर निगम बहुत पीछे है। सड़क हादसों में आवारा पशुओं के कारण कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। निगम के अधिकारियों पर पालतू पशुओं के मालिकों द्वारा भी हाथापाई की जा चुकी है। इन सभी को सज्ञांन मे रखते हुए सड़कों पर घूम रहे पशु मालिकों पर जुर्माना-सख्त कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास कर भेजा गया था। लेकिन आज तक अमल नहीं हुआ है। शहर में आवारा पशु हादसे का कारण बन रहे हैं।
हर समय जान का खतरा
आवारा पशु जिनमें कई पालतू पशु भी शामिल होते हैं और पालतू पशुओं के मालिक पशुओं को चरने के लिए खुला छोड़ देते हैं। दूध निकालने के समय उनका दूध निकाल लेते हैं। अगर कार्रवाई बनती है तो पहले कारवाई पशुओं के मालिकों पर बनती है। यहीं मामला हाऊस की मीटिंग में भी उठा था और सभी ने सहमति भी जताई थी। लेकिन आज तक अमल नहीं हुआ। जिला प्रबंधकीय काम्पलैक्स डी.सी., एस.एस.पी., जज के अलावा अन्य अफसर भी बैठते हैं। वहां पर भी इन पशुओं ने डेरा रहता है।
पार्कों में खेलने से डरते हैं बच्चे
मोहाली निवासी जावेद असलम ने बताया कि आवरा पशुओं के कारण कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। कई गंभीर घायल हो चुके हैं। लेकिन नगर निगम की ओर से अनदेखा किया जा रहा है। हादसे में जान गंवाने के लिए उसके परिवार को निगम की ओर से कोई सहायता भी नहीं की जाती है। इसके अलावा पुलिस कई पशु मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करती है और फिर आराम से बैठ जाती है। वहीं विक्रम सिंह ने कहा कि निगम को इस मामले में सख्ती से कोई ठोस कदम उठाना चाहिए। ताकि इससे होने वाले हादसों से बचा जा सके। कई बार तो मार्कीट में पशुओं की लड़ाई से लोगों में दहशत भी पैदा हो जाती है। पार्कों में लावारिस पशुओं के चलते बच्चे खेलने से डरते हैं।