बच्चे नशा करने के लिए मांगते थे भीख, पहुंचाया स्नेहालय

Edited By pooja verma,Updated: 22 Oct, 2018 11:40 AM

the children were demanding to make intoxicants

स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ को चाहे चाइल्ड फ्रैंडली सिटी के नाम से जाना जाता है, लेकिन आज भी शहर में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो नशे की चपेट में अपना बचपन भूल नशेखोरी में फंस बैठे हैं।

चंडीगढ़ (रोहिला): स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ को चाहे चाइल्ड फ्रैंडली सिटी के नाम से जाना जाता है, लेकिन आज भी शहर में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो नशे की चपेट में अपना बचपन भूल नशेखोरी में फंस बैठे हैं। ऐसा मामला चंडीगढ़ में 181 हैल्पलाइन के सामने आया। हल्लोमाजरा से इन चारों बेसहारा बच्चे को रैस्क्यू कर लिया गया है। इन बच्चों में से तीन 11-12 वर्ष की उम्र के हैं। 

 

चौथी 8 साल लड़की है। जानकारी के अनुसार इन बच्चों को हल्लोमाजरा में रहने वाले एक व्यक्ति ने सिगरेट पीते देखा तो उन्होंने बच्चों को पास बुलाया और खाना खिलाया और उनके बारे में पूछा। फिर व्यक्ति ने 181 हैल्पलाइन पर फोन कर सूचना दी। बच्चों को बताया कि वह उन्हें काम दिलाएंगे। 181 हैल्पलाइन की टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने चारों बच्चों को रैस्क्यू कर लिया।

 

बच्चों को भेजा होम : जानकारी में पता चला कि यह बच्चे भीख मांग कर अपना गुजर-बसर कर रहे थे। इनकी मां का कोई अता-पता नहीं लग पाया है। वहीं हैल्पलाइन टीम द्वारा इन बच्चों में से तीन को मलोया स्थित स्नैहालय, एक लड़की को सैक्टर-15 आशियाना में भेज दिया गया है। 

 

यू.पी. से कमाई के लिए आए थे चंडीगढ़
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार ये चारों बच्चे अपने परिवार के साथ चंडीगढ़ में कमाई के लिए आए थे। जिन्हें उनके किसी यू.पी. के रहने वाले जानकार ने चंडीगढ़ आने की सलाह दी थी। कमाई के लालच में इन बच्चों ने शराब के ठेके पर काम किया था। शायद यही कारण था कि बच्चे नशेखोरी में जा फंसे।

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