Edited By Priyanka rana,Updated: 02 Sep, 2019 01:14 PM
नोर्थ जोन कल्चरल सैंटर पटियाला के कलाग्राम में संजोया स्कल्पचर पार्क दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है।
चंडीगढ़(संदीप) : नोर्थ जोन कल्चरल सैंटर पटियाला के कलाग्राम में संजोया स्कल्पचर पार्क दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है। इस पार्क की अनदेखी का आलम यह है कि देश के बेहतरीन स्कल्पचर आर्टिस्टों के तैयार किए गए अनेकों स्कल्पचर टूट चुके हैं या फिर टूटने की कगार पर हैं।
ऐसे में देश के संस्कृति और कला को संजोने के मकसद से केंद्र सरकार की ओर से तैयार कलाग्राम में ही कला की देखरेख इन दिनों रामभरोसे है। इन स्कल्पचर को तैयार करने वाले कई आर्टिस्टों ने स्कल्पचर पार्क की हालत को देखते हुए इस पर अपनी चिंता भी जाहिर की है। उन्होंने इसकी शिकायत कलाग्राम से जुड़े अधिकारियों और मंत्रियों तक को को भी दी है ताकि इस पार्क की देखरेख का प्रबंध सही तरीके से हो और इसमें रखीं धरोहर को संभाला जा सके।
हरियाणा से एक्सपर्ट को बुलाया डैपुटेशन पर :
पार्क को योजनाबद्ध तरीके से संजोने का काम 2 अक्तूबर से शुरू कर दिया जाएगा। पार्क को तैयार करने मे कुछ खामियां सामने आई है जिसे देखते हुए ही हरियाणा कल्चरल अफेयर्स से स्कल्पचर विशेषज्ञ हृदय कौशल को डैपुटेशन पर बुलाकर इस पार्क को पुन: संजोने का काम सौंपा गया है।
15 से 20 कीमती स्कल्पचर टूट चुके हैं :
सकल्पचर पार्क में संजोए गए बेहतरीन स्कल्पचर की देखरेख का आलम यह है कि बिना देखरेख के यहां करीब 15 से 20 बेहतरीन स्कल्पचर टूट चुके हैं। टूटे हुए स्कल्पचर पार्क में कई साल से खस्ता हालत में ही पड़े हैं। इन्हें रिपेयर करने तक का अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है। ऐसे में पार्क में टूटी हुई कलाकृतियां कहीं न कहीं पार्क की देखरेख की व्यवस्था पर सवालियां निशान खड़े कर रही है।
सफाई व्यवस्था भी बेहाल :
पार्क में सफाई व्यवस्था भी बेहद खराब है। यहां बने गलियारों में सफाई न होने के चलते काई जमी हुई है। चारों तरफ घास-फूस उगने से यहां गलियारे में लोगों का चलना तक दुश्वार हो रखा है।
लोगों के फिसल कर गिरने तक का डर बना रहता है। पार्क की इस खस्ता हालत के चलते ही यहां आने वाले सैलानी घूम भी नहीं पाते हैं।
एशिया के सबसे बड़े स्कल्पचर पार्क में से एक :
कलाग्राम में स्कल्पचर पार्क बनाने की मुहिम की शुरूआत वर्ष-2002 में शुरू की गई थी। योजना के शुरू होने के बाद बाद यहां एक के बाद एक कैंप लगाए गए। इन कैंपों में देश के बेहतरीन स्कल्पचर आर्टिस्ट आने शुरू हुए और पार्क के लिए एक से एक बेहतरीन कलाकृति तैयार कीं।
साल-दर-साल कलाकार यहां आते रहे हैं और स्कल्पचर का आंकड़ा भी बढ़ता गया। मौजूदा समय में पार्क में करीब 230 बेहतरीन स्कल्पचर लगाए गए हैं। इस पार्क में सजाए गए स्कल्पचर की संख्या को देखते हुए ही यह स्कल्पचर पार्क देश का ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया के बेहतरीन स्कल्पचर पार्कों में शुमार है।
पार्क में स्कल्पचर लगाने के तरीके में कई खामियां : सौभाग्यवर्धन
नॉर्थ जोन कल्चरल सैंटर, पटियाला के डायरैक्टर सौभाग्यवर्धन ने कहा कि पार्क में स्कल्पचर लगाने के तरीके में कई खामियां सामने आई हैं, जिसे देखते हुए ही पार्क को योजनाबद्ध तरीके से पुन: संजोए जाने का काम 2 अक्तूबर से शुरू किया जा रहा है। इसके लिए हरियाणा कल्चरल अफेयर्स से स्कल्पचर विशेषज्ञ हदय कौशल को कुछ माह के लिए चंडीगढ़ में डैपूटेशन पर बुलाया गया है।
वह अपनी टीम के साथ पार्क को विशेष थीम देते हुए बेहतरीन अंदाज में इसे फिर से संजोने का काम शुरू करेंगे। इसके अलावा स्कल्पचर की देखरेख के लिए एक विशेषज्ञ को लगाया जा रहा है जो साफ-सफाई व देखरेख का काम करेगा। स्कल्पचर पार्क को एक नया और बेहतरीन रूप देने का काम अगले माह से शुरू कर दिया जाएगा। योजना के तहत इस पार्क को कलाग्राम स्कल्पचर गार्डन नाम दिए जाने की भी योजना है।