कभी भी गिर सकती है डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की बिल्डिंग की छत !

Edited By ,Updated: 03 Sep, 2016 10:19 AM

the roof of the building of the district court collapse anytime

चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की बिल्डिंग में कथित वायलेशंस को लेकर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के प्रैक्टिसिंग एडवोकेट शिवमूॢत यादव ने यू.टी. के एस्टेट ऑफिसर, चीफ इंजीनियर, चीफ आॢकटेक्ट, डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के प्रैजीडैंट व कंस्ट्रक्शन कमेटी के चेयरमैन को...

चंडीगढ़,  (बृजेन्द्र): चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की बिल्डिंग में कथित वायलेशंस को लेकर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के प्रैक्टिसिंग एडवोकेट शिवमूॢत यादव ने यू.टी. के एस्टेट ऑफिसर, चीफ इंजीनियर, चीफ आर्कटेक्ट, डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के प्रैजीडैंट व कंस्ट्रक्शन कमेटी के चेयरमैन को डिमांड कम लीगल नोटिस भेजा है।

 

इसमें कहा है कि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में चैंबर्स के कं स्ट्रक्शन में भारी लापरवाही बरती गई है। वहीं इस बिल्डिंग को असुरक्षित बताया गया है। वहीं लीगल नोटिस के मुताबिक चैंबर्स बिल्डिंग की छत पर मोबाइल कंपनी को टॉवर लगाने की मंजूरी दी गई है जो एडवोकैट्स समेत यहां आने वाले याचियों की सेहत के लिए हानिकारक है। 

 

इसके अलावा कहा गया है कि बिल्डिंग को साइट प्लान के अनुरुप नहीं बनाया गया है। कहा गया है कि बिल्डिंग में कई टॉयलैट्स तोड़े गए व गैरकानूनी तरीके से बेचे गए जो बिल्डिंग लॉ की उल्लंघना है। लिफ्ट्स के लिए बनाए गए स्थान को किराए पर दिया गया है जहां कुछ शॉप्स चल रही हैं। 

 

इसके अलावा बिल्डिंग में फायर फाइटिंग सिस्टम तक नहीं लगाए गए जबकि यह बिल्डिंग का महत्तवूर्ण हिस्सा है। नोटिस में कहा है कि एस्टेट ऑफिसर, चीफ इंजीनियर व चीफ आर्कटैक्ट को कहा है कि उन्हें बिल्डिंग लॉ की पालना करनी थी मगर इन्होंने कानून के मुताबिक अपनी ड्यूटी नहीं की। 

 

इनकी लापरवाही व ड्यूटी न करने से आम लोगों समेत एडवोकेट्स की जिंदगी खतरे में है। ऐसे में यह लीगल नोटिस भेजा गया है। ऐसे में तुरंत बिल्डिंग में से वॉयलेशन हटाने की मांग की गई है। तय समय में इस संबंध में कार्रवाई न होने पर कानून का सहारा लेने की बात कही गई है। 

 

फोर्थ फ्लोर के बरामदे की तरफ गिर सकती है छत

नोटिस में कहा गया है कि फोर्थ फ्लोर पर बने चैंबर नंबर 482 व 483 के ऊपर बरामदे की तरफ की छत बाकी की छत के मुकाबले दो फीट नीचे धंसी हुई है। वहीं बड़ी दरारें भी पड़ी हुई हैं।

 

ऐसा प्रतीत होता है कि बिल्डिंग की कंस्ट्रक्शन के दौरान बरामदे की तरफ से छत गिरने को थी और कंस्ट्रक्शन कमेटी व तत्कालीन एग्जीक्यूटिव बॉडी ने खतरनाक कदम उठाते हुए फोर्थ फ्लोर के चैंबर नंबर 482 व 483 के साथ बरामदे वाली तरफ 4 खंभे लगा दिए। 

 

इस्टेट ऑफिसर, चीफ इंजीनियर, चीफ आर्कटैक्ट को नोटिस में कहा गया है कि बिल्डिंग में इस प्रकार की लापरवाही को लेकर उनकी चैकिंग बनती है जबकि कानून के मुताबिक बिल्डिंग की चैकिंग नहीं की गई। 

 

ऐसे में यहां काम करने वाले एडवोकैट्स की जिंदगी को लेकर खतरा बना हुआ है क्योंकि फोर्थ फ्लोर का बरामदा कभी भी ढह सकता है जो किसी की भी मौत या गंभीर चोट के रूप में सामने आ सकता है। 

 

अंडरग्राऊंड वायरिंग न होने से खतरा

चैंबर्स बिल्डिंग में अंडरग्रांऊड इलैक्ट्रिक वायरिंग सिस्टम नहीं है जबकि जजों की बिल्डिंग मार्डन इलैक्ट्रिक वायरिंग सिस्टम से लैस है। बार के प्रेजिडैंट व कंस्ट्रक्शन कमेटी के चेयरमैन को कहा गया कि उन्होंने टैंपरेरी इलैक्ट्रिक वायरिंग सिस्टम किया हुआ है जो एडवोकैट्स समेत यहां आने वाले याचियों के लिए खतरा है। इसे बिल्डिंग लॉ की उल्लंघना बताया गया है। 

 

 

 

 

 

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