थिएटर को जीते हुए स्ट्रगल पता ही नहीं चला : कौशिक

Edited By ,Updated: 01 Feb, 2017 10:08 AM

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यूं तो कलाकार बड़े परदे से जुड़ा हो या छोटे परदे से उसे परदे तक पहुंचने का सफर तय करने के लिए मेहनत तो करनी ही पड़ती है लेकिन आप उस मेहनत को किस तरह से लेते हैं ये आप पर निर्भर करता है।

चंडीगढ़(नेहा) : यूं तो कलाकार बड़े परदे से जुड़ा हो या छोटे परदे से उसे परदे तक पहुंचने का सफर तय करने के लिए मेहनत तो करनी ही पड़ती है लेकिन आप उस मेहनत को किस तरह से लेते हैं ये आप पर निर्भर करता है। कई लोग इसे स्ट्रगल कहते हैं लेकिन मेरे लिए ये लम्बे समय लर्निंग पीरियड ही रहा। ये कहना है हाल फिलहाल नौजवान दिलों को छू रहे संजय कौशिक का। 

 

संजय चंडीगढ़ के ही थिएटर आर्टिस्ट हैं जिन्होंने अपनी पढ़ाई यहीं पर पूरी कर कई सालों तक चंडीगढ़ में थिएटर कर अपने अदाकारी के हुनर को निखारा।  बकौल संजय मैंने अपनी जिंदगी के लगभग 8 साल पूरी तरह से थिएटर को ही समर्पित कर दिए थे इस लिए नहीं की मुझे एक्टर बनाना था बल्कि इसलिए क्योंकि बिना एक्टिंग के मैं खुद कभी पूरा हो ही नहीं सकता था। 2009 में प्रोफैशनल थिएटर की शुरूआत की और फिर कई सपनों के साथ 2012 में मुंबई आ गया। यहां आकर पता चला कि असल जिंदगी और सपनों में फर्क कितना होता है। 

 

कभी लगा ही नहीं थिएटर को छोड़ दिया है : 
मुझे कभी महसूस ही नहीं हुआ कि मैंने कभी थिएटर को छोड़ दिया है, शायद इसका श्रेय मेरे थिएटर के गुरुओं को जाता है। उन्होंने हमेशा से मुझे लाइव एक्टिंग सिखाई यही वजह रही कि मेरे स्ट्रगल पीरियड को मैंने थिएटर समझ के एन्जॉय किया। कई बार काम न मिलने की वजह से बहुत से ऐसे काम किए जो सो कर नहीं कर सकता लेकिन फिर खुद को एक किरदार मान उसी काम को एन्जॉय करने लगा शायद इस तरकीब ने मुझे कभी थकने नहीं दिया। 

 

फर्स्ट अटैम्पट में कट सुनना बेहतरीन एक्सपीरियंस है : 
आपकी जिंदगी का पहला बड़ा ब्रेक वो भी इतने बड़े डायरैक्टर के साथ हो, और पहले ही शॉट में आपका सीने परफैक्ट हो तो डायरैक्टर का बोला हुआ कट किसी ऑस्कर से काम नहीं। मेरे लिए भी वो दिन और तब से लेकर आज तक का हर दिन बहुत खास अहमियत रखता है। 

 

एक सीरियल में शहर के 5 से ज्यादा कलाकार :
सिर्फ संजय ही नहीं इस धारावाहिक में चंडीगढ़ के 5 से ज्यादा थिएटर कलाकारों ने अपनी अभिनय का प्रदर्शन किया है। शहर की चुलबुली बाल थिएटर कलाकार वेन्या ने ‘मेरी दुर्गा’ में एक बहुत ही खास किरदार निभाया है। जिसमें एक कलाकार होने के नाते वेन्या अभिनय की सीमाओं को छूती नजर आएंगी।  

 

वहीं कई सालों से थिएटर करते मुकेश चंदेलिया ने भी इस धारावाहिक में दुर्गा के स्कूल के प्रिंसीपल का किरदार निभाया है। वहीं एकता सोढी सिर्फ थिएटर ही नहीं बल्कि पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं और शहर एमन हुई ऑडिशन के बाद उन्हें इस धारावाहिक में अध्यापिका भूमिका के लिए लिया गया है। यशपाल कुमार संवाद थिएटर ग्रुप के कलाकार हैं। इसके साथ ही कई पंजाबी वीडियोज में काम कर चुके यशपाल भी इस धारावाहिक में हम भूमिका में नजर आएंगे। 

 

बार-बार दिए ऑडिशन :
हाल ही में स्टार प्लस के नए धारावाहिक में पैरलर लीड किरदार निभा रहे संजय की माने तो उन्होंने इस किरदार के लिए सबसे पहले ऑडिशन चंडीगढ़ में ही दिए थे लेकिन वे सिलैक्ट नहीं हुए फिर मुम्बई के ऑडिशन में उनकी किस्मत और मेहनत का सिक्का उछला और उन्हें सिलैक्ट कर लिया गया। 

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