घग्गर को पॉल्यूशन फ्री करने के लिए प्रशासनिक विभाग ही नहीं गंभीर

Edited By pooja verma,Updated: 01 Mar, 2019 10:26 AM

to make ghaggar pollution free administrative department is not serious

घग्गर नदी को पॉल्यूशन फ्री बनाने के प्रोजैक्ट्स को जहां सैंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) तक खुद मॉनिटर कर रहे हैं वहीं, दूसरी ओर चंडीगढ़ प्रशासन के अपने ही विभाग इस पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।

चंडीगढ़ (विजय): घग्गर नदी को पॉल्यूशन फ्री बनाने के प्रोजैक्ट्स को जहां सैंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) तक खुद मॉनिटर कर रहे हैं वहीं, दूसरी ओर चंडीगढ़ प्रशासन के अपने ही विभाग इस पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। 

 

इसका एक उदाहरण चंडीगढ़ की ओर से तैयार किए गए एक्शन प्लान के लिए गठित की गई डिस्ट्रिक्ट लैवल स्पेशल टास्क फोर्स की चौथी मीटिंग में देखने को मिला। मिनिट्स ऑफ मीटिंग में यह खुलासा हुआ कि चौथी मीटिंग में जहां एक ओर कुछ अधिकारियों ने हिस्सा ही नहीं लिया वहीं, दूसरी ओर इस्टेट ऑफिस ने कहने के बावजूद रिपोर्ट सब्मिट नहीं करवाई। 

 

यही वजह है कि सी.पी.सी.बी. के सामने यह रिपोर्ट सही समय पर सब्मिट नहीं हो पाई। इस मीटिंग में सात दिसम्बर को हुई मीटिंग के फैसलों पर चर्चा की जानी थी। यही नहीं, सभी संबंधित विभागों से पिछली मीटिंग के दौरान लिए गए फैसलों की एक्शन टेकन रिपोर्ट भी मांगी गई। 

 

टास्क फोर्स को हर महीने एग्क्यिूटिव कमेटी के पास एक रिपोर्ट सब्मिट करवानी होती है। इसमें एक्शन प्लान पर किए गए काम बताने होते हैं लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग और नगर निगम की ओर से इस पर कोई जवाब सही समय पर नहीं दिया गया। 

 

इस वजह से डिस्ट्रिक्ट लैवल स्पेशल टास्क फोर्स ने भी रिपोर्ट फिक्स डेट पर सब्मिट नहीं करवाई। हालांकि डैडलाइन गुजर जाने के बावजूद दोनों ही विभागों की ओर से रिपोर्ट भेजी गई। 

 

अब रोजाना देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट
भविष्य में सी.पी.सी.सी., नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग की एक ज्वाइंट टीम सुखना चो और एन. चो में विजिट करेगी। जितने भी प्वाइंट्स गिनाए गए हैं, वहां जाकर मौजूदा स्थिति का स्टेटस रिकॉर्ड किया जाएगा। 

 

संबंधित विभागों के सभी नोडल ऑफिसर को निर्देश दिए गए हैं कि जब कहा जाए तो तुरंत ई-मेल या फिजीकल कॉपी के जरिए सी.पी.सी.सी. को रिप्लाई करें। यही नहीं, अब रोजाना स्टेटस रिपोर्ट भी सब्मिट करवाने के लिए कहा गया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो संबंधित नोडल ऑफिसर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। 

 

प्रशासन ने दो एस.टी.पी. नगर निगम को सौंपे
चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एस.टी.पी.) को अब नगर निगम के हवाले कर दिया गया है। इनमें धनास और रायपुर खुर्द के एस.टी.पी. शामिल हैं। इसके साथ ही दड़वा और शास्त्री नगर के आऊटलेट्स भी नगर निगम को दे दिए गए हैं। भविष्य में यहां से संबंधित सारी जानकारी नगर निगम द्वारा दी जाएगी।

 

इंडस्ट्रीयल यूनिट्स का डाटा मांगा
एस्टेट ऑफिस की ओर से यह जानकारी भी नहीं दी गई कि कितनी इंडस्ट्रीयल यूनिट्स ने सीवरेज के कनैक्शन लिए हुए हैं। दरअसल इससे पहले हुई मीटिंग में एस्टेट ऑफिस को यह डिटेल सब्मिट करवाने के लिए कहा गया था लेकिन डिटेल न मिलने से इंडस्ट्रीयल एरिया के बारे में कोई ठोस डाटा एकत्रित नहीं किया जा सका। यही वजह है कि एस्टेट ऑफिस को लैटर लिखकर यह सूचना दे दी गई। 

 

हैल्थ और लीगल सर्विसिज के सदस्य नहीं पहुंचे
मिनिट्स ऑफ मीटिंग में जानकारी दी गई है कि हैल्थ डिपार्टमैंट और लीगल सर्विसिज अथॉरिटी के सदस्य मीटिंग में भाग लेने नहीं पहुंचे। हालांकि दोनों ही अधिकारियों ने फोन पर अपनी सफाई पेश की लेकिन टास्क फोर्स के चेयरमैन की ओर से कहा गया कि मीटिंग में डिपार्टमैंट के किसी अन्य जिम्मेदार अधिकारी को भेज देना चाहिए था। 

 

यही नहीं, चेयरमैन की ओर से सी.पी.सी.सी. को निर्देश दिए गए कि हैल्थ डिपार्टमैंट और लीगल सर्विसिज अथॉरिटी के हेड ऑफ द डिपार्टमैंट को इसकी सूचना दी जाए। लिखित रूप में बताया जाए कि दोनों ही विभागों के प्रतिनिधि इस मीटिंग में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। 


 

सुखना चौ की स्टेटस रिपोर्ट किशनगढ़
7 दिसम्बर : यहां से सीवरेज का पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।
8 फरवरी : लॉन्ग टर्म प्लानिंग के तहत नवम्बर-2021 तक यहां एस.टी.पी. पूरा किया जाएगा। 

 

किशनगढ़ गांव की फॉरेस्ट नर्सरी
7 दिसम्बर : यहां से भी सीवरेज का पानी डिस्चार्ज हो रहा है।
8 फरवरी : यू.टी. के इंजीनियरिंग विभाग की ओर से 31 मार्च तक की डैडलाइन फिक्स की  गई है। 

 

हल्लोमाजरा
7 दिसम्बर : यहां 70 प्रतिशत घर सीवरेज लाइन से कनैक्ट हो चुके हैं। 31 जनवरी तक सभी घरों को लाइन से कनैक्ट करने का टारगेट तय किया गया है।
8 फरवरी : 31 जनवरी तक यह प्रोजैक्ट कंप्लीट करने की योजना थी। लेकिन ऑनरशिप डॉक्यूमैंट में देरी की वजह से सही समय पर यह काम कंप्लीट न हो पाया।

 

एन. चौ की स्टेटस रिपोर्ट सैक्टर-23
7 दिसम्बर : दावा किया गया कि वेस्ट वाटर की प्रॉब्लम पूरी तरह से सॉल्व कर दी गई है।
8 फरवरी : इंस्पैक्शन के दौरान फ्रैश वॉटर के डिस्चार्ज की प्रॉब्लम सामने आई। अब इसे 31 मार्च तक रिपेयर करने का टारगेट फिक्स किया 
गया है।

 

बाल भवन
7 दिसम्बर : यहां भी पानी के डिस्चार्ज होने की शिकायत थी। दावा यह किया गया कि अब कोई समस्या नहीं है।
8 फरवरी : यहां इंस्पैक्शन हुई तो वही समस्या सामने आई। इस पर डिफेक्टिव पाइप को 31 मार्च तक ठीक करने का दावा किया गया है।

 

बेअंत सिंह मैमोरियल
7 दिसम्बर : यहां हमेशा से ही जलभराव की स्थिति बनी रहती है। नगर निगम इस प्रोजैक्ट पर काम कर रहा था।
8 फरवरी : इस प्रोजैक्ट को कंप्लीट करने के लिए नगर निगम ने इस साल अगस्त तक का समय मांगा है। 


 

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