Edited By pooja verma,Updated: 03 Sep, 2019 10:48 AM
पिंजौर के रहने वाले एक व्यक्ति से उसके दोस्त ने घूमने-फिरने के लिए फॉच्र्यूनर गाड़ी मांगी।
पंचकूला (चंदन): पिंजौर के रहने वाले एक व्यक्ति से उसके दोस्त ने घूमने-फिरने के लिए फॉच्र्यूनर गाड़ी मांगी। उसके बाद झूठा शपथ पत्र बनाकर हरियाणा पुलिस के इंस्पैक्टर को बेच दी। कार मालिक ने डी.सी.पी. को शिकायत दी तो सैक्टर-5 थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।
अक्सर ले जाता था मांगकर
पिंजौर स्थित हिमशिखा कॉलोनी निवासी अजय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि अमन कुमार उसका दोस्त था औ वह उनकी फॉच्र्यूनर गाड़ी घूमने-फिरने के लिए ले जाता था और वापस कर देता था। पांच महीने पहले आरोपी अमन उनके घर पर आया था और दोस्तों के साथ घूमने जाने की बात कहकर 10-15 दिनों के लिए गाड़ी मांगी।
अजय ने उसे गाड़ी दे दी लेकिन आरोपी ने 10-15 दिन बाद भी गाड़ी नहीं लौटाई और बहाना बनाता रहा। फिर आरोपी ने उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया। वे अपनी कार वापस लेने के लिए आरोपी के भाई के पास कैथल भी गए लेकिन उसने भी उनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
पानीपत के मिनी सैक्रेटरिएट में देखी गाड़ी तो उड़े होश
अजय 15 जुलाई को पानीपत कोर्ट में किसी काम से गए हुए थे। वहां मिनी सैक्रेटरिएट की पार्किंग में उन्होंने अपनी गाड़ी नजर आई, जिस पर टैम्परेरी नंबर लगा लगा हुआ था। गाड़ी के सभी शीशों पर ब्लैक फिल्म चढ़ी थी।
वह वहीं थोड़ी देर तक यह देखने के लिए रुक गए कि आखिर गाड़ी लेकर कौन है। एस.पी. कार्यालय पानीपत से दो लोग निकले और पुलिस वाले भी उनको सैल्यूट मार रहे थे। वे उनकी गाड़ी स्टार्ट कर चले गए।
सदर थाना कुरुक्षेत्र में है इंस्पैक्टर की पोस्टिंग
उन्होंने पुलिस वालों से पता किया कि ये लोग कौन हैं तो उन्होंने व्यक्ति का नाम इंस्पैक्टर अजय मोर बताया जो हरियाणा पुलिस में कार्यरत है। उनकी पोसिं्टग कुरुक्षेत्र एस.पी. ऑफिस में बताई गई।
अजय कुरुक्षेत्र पहुुंचा और अजय मोर के बारे में पता किया तो एक मुलाजिम ने उन्हें बताया कि अजय मोर सदर थाना में एस.एच.ओ. है। वह सदर थाना कुरुक्षेत्र जो पिपली में है, वहां गए तो उन्होंने अपनी गाड़ी थाने के अंदर खड़ी दिखी। उन्होंने थाने के अंदर ही वीडियो रिकाॄडग भी बनाई।
इंस्पैक्टर ने बताया-10 लाख में खरीदी है
उन्होंने 24 जुलाई को इंस्पैक्टर अजय मोर को फोन कर अपने बारे में बताया और कहा कि मेरी कार उनके पास है, इसका नंबर भी उन्होंने बताया। इंस्पैक्टर अजय मोर ने माना कि गाड़ी उनके पास है और कहा कि अमन कुमार ने गाड़ी उन्हें 10 लाख में बेची है। बाकायदा एक एफिडैविट भी दिया है।
उन्होंने अजय मोर को बताया कि उन्होंने न तो अमन को गाड़ी बेची है और न ही कोई एफीडैविट दिया है। उन्होंने अजय मोर को बताया कि अमन तो उनसे गाड़ी घूमने-फिरने के लिए मांगकर ले गया था। फिर इंस्पैक्टर अजय मोर को धोखाधड़ी से फर्जी शपथपत्र बनाकर दोनों को चूना लगाया।