Edited By Priyanka rana,Updated: 16 Nov, 2018 10:58 AM
हाईकोर्ट चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी की फटकार के बाद पंजाब सरकार ने 19 वर्ष से ज्यादा समय तक अमृतसर में टिके रहे एस.डी.एम. राजेश कुमार शर्मा का तबादला कर दिया है।
चंडीगढ़(बृजेन्द्र) : हाईकोर्ट चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी की फटकार के बाद पंजाब सरकार ने 19 वर्ष से ज्यादा समय तक अमृतसर में टिके रहे एस.डी.एम. राजेश कुमार शर्मा का तबादला कर दिया है। वह विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपी बताए गए थे और विभागीय कार्रवाई झेल रहे हैं।
बावजूद 23 वर्ष की सर्विस में से 19 वर्ष तक उनकी अमृतसर से बाहर ट्रांसफर नहीं हुई थी। वीरवार को सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दिया कि संबंधित अफसर को डिप्टी सेक्रैटरी स्कूल एजुकेशन, पंजाब के रुप में चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया गया है।
इससे पहले बताया गया कि उन्हें खाली पोस्ट पर ट्रांसफर कर दिया गया है। चीफ जस्टिस ने सरकार को फटकार लगाई कि पोस्ट का नाम क्यों नहीं दिया गया। जिसके बाद मौखिक रूप से पोस्ट बताई गई। वहीं बताया गया कि अमृतसर-2 एस.डी.एम. की पोस्ट पर किसी महिला अफसर को लगाया गया है।
याची लोक भलाई इंसाफ वैल्फेयर सोसाइटी की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट सुमीत सिंह अरोड़ा ने कहा कि इससे पहले भी अफसर को हाई एजुकेशन सेक्रैटरी नियुक्त किया था जबकि राजेश कुमार ने मिलीभगत कर पांच महीने तक ऑफिस ज्वाईन नहीं किया और फिर से एस.डी.एम. की पोस्ट पर टिक गए थे।
ऐसे में हाईकोर्ट ने याची सोसाईटी को स्वतंत्रता दी है कि यदि इस बार यदि कोई गड़बड़ी सामने आती है तो वह पुन: हाईकोर्ट की शरण ले सकते हैं। इसके साथ ही याचिका का निपटारा कर दिया गया। विभिन्न केसों में आरोपी होने के बावजूद अमृतसर में ही 19 वर्षो टिके मामले में बीती सुनवाई पर हाईकोर्ट ने तल्खी दिखाते हुए कहा था कि संबंधित अफसर को तत्काल ट्रांसफर या सस्पैंड किया जाना चाहिए था। सरकार साधारण रुप से सिर्फ अपना एफिडेविट पेश कर रही है।
केस में भगौड़ा होने और विभिन्न विभागीय जांचों और केस दर्ज होने के बावजूद संबंधित अफसर का अमृतसर से ट्रांसफर नहीं हुआ। 2016 में दायर याचिका में कहा गया था कि शर्मा पर भ्रष्टाचार के मामले हैं और विभागीय जांचे तक खुल चुकी हैं। इसके बावजूद 23 वर्षों की सॢवस के दौरान वह बीते 19 वर्षों से अमृतसर में ही पोस्टेड हैं। वर्ष 1995 में शर्मा ने बतौर तहसीलदार नियुक्ति ली थी जिसके बाद वह कई पदों पर रहते हुए एस.डी.एम. बने।