इंटैलीजैंट पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम : वर्ल्ड बैंक चाहता है इंडिपैंडैंट एजैंसी करे प्रोजैक्ट को मॉनीटर

Edited By Priyanka rana,Updated: 03 Jan, 2020 01:57 PM

transport department intelligent

चंडीगढ़ प्रशासन का ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट इंटेलिजैंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू करने के लिए प्रोजैक्ट मैनेजमैंट कंसल्टैंट हायर करने का प्रयास कर रहा है

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ प्रशासन का ट्रांसपोर्ट डिपार्टमैंट इंटेलिजैंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू करने के लिए प्रोजैक्ट मैनेजमैंट कंसल्टैंट हायर करने का प्रयास कर रहा है, क्योंकि वर्ल्ड बैंक चाहता है  कि इंडिपैंडैंट एजैंसी द्वारा ही इस पूरे प्रोजैक्ट को मॉनिटर किया जाए। इसके लिए प्रशासन ने जो आवेदन मांगे थे, उसके लिए कुछ रिस्पांस नहीं मिला। 

यही कारण है कि अब इसकी डेट को आगे बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में डायरैक्टर ट्रांसपोर्ट उमा शंकर गुप्ता ने बताया कि वर्ल्ड बैंक के नियमों के तहत प्रोजैक्ट को मॉनिटर करने के लिए एक कंसल्टैंट को हायर किया जाए, जिसके तहत ही उन्होंने योग्य एजैंसियों से आवेदन मांगे हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद भी पूरे प्रोजैक्ट पर नजर रखेंगे। 

प्रोजैक्ट को सही रूप से लागू करने के लिए वह ये सेवाएं ली जा रही हैं। इसके लिए इच्छुक एजैंसियां 10 जनवरी, 2020 तक अप्लाई कर सकेंगी, जबकि पहले ये डेट 30 दिसम्बर, 2019 तक तय की गई थी।

बैंक ने प्रोजैक्ट के लिए प्रशासन को देने हैं 13 करोड़ रुपए :
प्रशासन ने वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों के साथ कई मीटिंगें की थी, जिसके बाद ही उन्होंने इस प्रोजैक्ट को हरी झंडी दी थी। प्रोजैक्ट के लिए 13 करोड़ रुपए की फंडिंग वर्ल्ड बैंक ने करनी है। इससे पहले प्रशासन ने जो टैंडर जारी किया था, उसमें कंपनियों के बीच विवाद के चलते इसका काम लटक गया था और अब जाकर प्रशासन ने इस पूरे प्रोजैक्ट के लिए एक कंपनी को फाइनल किया था। 

ये सुविधाएं करनी हैं प्रदान :
प्रोजैक्ट के तहत बसों के लिए कई सुविधाएं प्रदान करनी हैं। इसमें यात्री इंटर्नल बोर्ड में रू ट और अगला डेस्टिनेशन देख सकेंगे। जिस जगह उतरना है, उसकी जानकारी भी बोर्ड से मिलेगी। एमरजैंसी अलार्म की सुविधा होगी। बसों की कनैक्टिविटी बस स्टॉप से होगी, जिससे रियल टाइम लोगों को बस को लेकर मिल सकेगा कि कितनी देर में बस स्टॉप पर पहुंचेगी। 

ऐसे शुरू हुआ प्रोजैक्ट : 
वर्ष 2014 में चंडीगढ़ उन चार शहरों में चुना गया था, जिनका ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाना था। इनमें जयपुर, भोपाल के अलावा मुंबई के पास मीरा-भायंदर को भी चुना गया था। जून वर्ष 2016 में वल्र्ड बैंक और चंडीगढ़ प्रशासन के बीच एम.ओ.यू. भी साइन किया गया था। 

जुलाई, 2017 में प्रशासन ने कंसल्टैंट हायर किया था, जिसने प्रोजैक्ट की डिटेल प्रोजैक्ट रिपोर्ट बनाई थी। प्रोजैक्ट की कुल लागत 25 करोड़ रुपए हैं, जिसमें से 13 करोड़ रुपए की फंडिंग वर्ल्ड बैंक ने करनी है। 

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