पी.यू.-पी.जी.आई. अंडरपास : प्रशासन करवाएगा ट्रैफिक, टोपोग्राफिकल सर्वे

Edited By pooja verma,Updated: 11 May, 2020 01:53 PM

underpass administration will conduct traffic topographical survey

विभागों की आपसी खींचातानी के बीच फंसे पीजीआई और पंजाब यूनिवर्सिटी के बीच बनने वाले अंडरपास के लिए प्रशासन ने प्रयास तेज कर दिए हैं।

चंडीगढ़ (राजिंद्र शर्मा) : विभागों की आपसी खींचातानी के बीच फंसे पीजीआई और पंजाब यूनिवर्सिटी के बीच बनने वाले अंडरपास के लिए प्रशासन ने प्रयास तेज कर दिए हैं। प्रशासन इसके लिए ट्रैफिक व टोपोग्राफिकल सर्वे करवाने जा रहा है, जिसके लिए एजेंसी हायर की जानी है। यही कारण है कि प्रशासन ने इस काम के लिए योग्य एजेंसियों से आवेदन मांगें हैं। एजेंसी की कंसल्टेंसी से ही पता चलेगा कि यहां पर ये अंडरपास बनाना सही होगा या नहीं। 

 

इस संबन्ध में प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि वह इस अंडरपास के लिए सर्वे करवाने जा रहे हैं और एजेंसी हायर करने के लिए उन्होंने आवेदन मांगें हैं, जिसके लिए 14 मई तक आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व टोपोग्राफिकल सर्वे के साथ ही फिजिबिलिटी स्टडी, प्रेजेंटेशन, प्रस्तावित सब-वे के लिए थ्रीडी व्यूज के साथ वाकथ्रू कंपनी द्वारा ही तैयार करके दिया जायगा। 

 

बता दें कि इससे पहले अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट की तरफ से सिफारिश की गई थी कि ये अंडर पास सेक्टर-16,17 रोज गार्डन की तर्ज पर बनना चाहिए। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इस अंडर पास को सेक्टर-17, 22 बस स्टैंड के अंडरपास की तर्ज पर डेवलप करने की योजना बना रहा था। बता दें कि पैदल चलने वाले लोगों के लिए ये अंडरपास बनाया जाना है। 

 

पीजीआई-पीयू रोड़ से काफी लोग गुजरते हैं, जिसके चलते ही इस अंडरपास की चौड़ाई अधिक होने की विभाग ने सिफारिशें भेजी गयी थी, तांकि लोग आसानी से इस अंडरपास से गुजर सकें। वहीं दूसरी तरफ सेक्टर-17-22 अंडरपास की चौड़ाई अधिक नहीं है, जिसके चलते वह रोज गार्डन के नये अंडरपास के मुकाबले तंग है।


 

शॉप्स बनाने की जगह रैंप बनाने की सिफारिश :
विभाग ने सिफारिश की थी कि इस अंडरपास में शॉप्स बनाने की जगह रैंप बनाए जाने चाहिए, तांकि दिव्यांग भी यहां से आसानी से गुजर सकें। विभाग के अनुसार इसके कर्मिशयल यूज की जगह रैंप बनाने सही होंगे, क्योंकि पीजीआई में बनने वाले इस अंडरपास का सही मकसद तभी पूरा हो सकेगा। पीजीआई और पंजाब यूनिवर्सिटी के बीच पैदल यात्री अंडरपास के निर्माण को प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने गत वर्ष आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी थी।

 

यूटी सचिवालय में हुई एक बैठक में इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को लेकर एक प्रेजेंटेशन दी और बताया कि पीजीआई और पीयू आने-जाने वाले हजारों लोगों को गाडिय़ों की आवाजाही के बीच रोजाना सड़क पार करना पड़ता है। इस दौरान उन्हें काफी मुसीबत झेलनी पड़ती है। कई लोग तो हादसे का शिकार भी हो चुके हैं।  


 

पहले अंडरपास को लेकर खड़े किए थे सवाल :
इस अंडरपास को लेकर अर्बन टाउन प्लानिंग विभाग ने पहले भी सवाल खड़े किये थे। इस संबंध में उन्होंने इंजीनियर डिपार्टमेंट से जवाब मांगा था और मास्टर प्लान का भी हवाला दिया गया था। बात दें कि अर्बन टाउन प्लानिंग विभाग ने लेटर जारी कर इंजीनियरिंग विभाग से पूछा था कि जब चंडीगढ़ के मास्टर प्लान में पीजीआई के पास जीएमसीएच-32 की रेड लाइट्स की तर्ज पर चौड़े स्पीड ब्रेकर बनने हैं तो अंडरपास का प्रस्ताव किस स्टडी के आधार पर बनाया गया है। यूटी के जवाब के बाद संतुष्ट होने पर ही विभाग ने इस पर आगे काम शुरु किया था।

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