Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Apr, 2018 08:20 PM
मेरी तमन्ना है कि आंखें बंद होने से पहले देश के लिए गोल्ड मैडल जीतूं।
चंडीगढ़ (लल्लन): मेरी तमन्ना है कि आंखें बंद होने से पहले देश के लिए गोल्ड मैडल जीतूं। यह कहना है मोहाली डिस्ट्रिक्ट के 80 साल के जसपाल सिंह का। वह शहर में चल रही नैशनल मास्टर्स गेम्स में हिस्से लेने पंहुचे हुए थे।
उन्होंने बताया कि 2006 में बैगलोंर में आयोजित 14वीं एशियन मास्टर्स एथलीट मीट में देश के लिए सिल्वर मैडल जीता था पर अब देश के लिए गोल्ड मैडल जीतने की ख्वाहिश है। उन्होंने कहा कि जब इंटरनैशनल स्तर पर दूसरे देशो के एथलीट गोल्ड मैडल जीतते हैं तो ऐसा लगता है कि हमने देश के लिए कुछ नहीं किया।
एक सवाल के जवाब में जसपाल सिंह ने कहा कि वैसे तो मेरे घरवाले चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने के लिए मना करते हैं पर मैं उन्हें यही कहता हूूं कि जिस दिन देश के लिए गोल्ड जीत लूंगा उसके बाद ही कोई फैसला ले सकता हूं।
इंडो-बांग्लादेश एथलीट चैम्पियनशिप में जीत चुके हैं मैडल:
जनवरी 2018 में दिल्ली में इंडो-बांग्लादेश मास्टर एथलीट मीट में जसपाल सिंह ने 3 पदक जीते थे। उन्होंने तीन अलग-अलग इवैंड में हिस्सा लिया था। डिस्कस थ्रो और शॉटपुट इवैंड में गोल्ड मैडल जीता था।
साथ ही हैमर थ्रो में सिल्वर जीता था। 14वीं एशियन गेम्स में शॉटपुट और डिस्कस थ्रो में सिल्वर मैडल हासिल किया था। साथ ही वह स्टेट व नैशनल लैवल पर कई पदक जीत चुके हैं।
नैशनल मास्टर्स गेम्स मे जीते दो गोल्ड:
शहर में जारी नैशनल मास्टर्स गेम्स में हिस्सा लेने के लिए जसपाल शहर पंहुचे हुए हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि वीरवार को खेली गई 80 से अधिक आयु वर्ग में हिस्सा लेते हुए शॉटपुट और डिस्कस थ्रो में गोल्ड मैडल जीत चुके हैं।
अब उनका फोकस हैमर थ्रो में पदक जीतने पर है। जसपाल सिंह ने बताया कि बचपन से ही एथलीट प्रतियोगिताओ में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। स्टेट और नैशनल लैवल पर जसपाल 35 पदक अपने नाम कर चुके हैं।
रोजाना 6 घंटे प्रैक्टिस
जसपाल सिंह ने बताया कि वह रोज करीब 6 घंटे प्रैक्टिस करते हैं। खेतों में काम करने के बाद वह रोज करीब 3 घंटे सुबह और 3 घंटे शाम प्रैक्टिस को देते हैं। साथ ही डाइट में रोज करीब 3 किलो दूध पीते हैं।